प्रयागराज के महाकुंभ में कुमार विश्वास के अपने-अपने राम का आयोजन किया गया, जिसे देखकर और सुनकर हर किसी का दिल खुश हो गया। यहां देखिए उस प्रोग्राम की झलक यहां।
महाकुंभ के दौरान साधुओं की दीक्षा प्रक्रिया की शुरूआत हुई। इस सबसे कठिन आध्यात्मिक यात्रा के प्रथम चरण में इन नागा साधुओं ने अपने और अपनी सात पीढ़ियों का पिंडदान कर सांसारिक जीवन को त्यागने की पहली बड़ी परंपरा निभाई। गंगा घाट पर साधुओं ने अपने पूर्वजों और स्वयं का पिंडदान किया। यह कदम सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर एक नए आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत को दर्शाता है।
महाराष्ट्र से महाकुंभ में आए 11 श्रद्धालुओं की नाव संगम में अचानक चापु टूटने के कारण असंतुलित हो कर पलट गयी और संगम की धारा मे बहनें लगी, जिससे यात्री भयभीत होकर चिल्लाने लगे। अरैल घाट पर 36वीं वाहिनी बाढ़ राहत दल रामनगर वाराणसी ने सभी यात्रियों को सकुशल बचा लिया है।
Prayagraj Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की शुरूआत हो चुकी है। ये धार्मिक मेला 26 फरवरी तक रहेगा। महाकुंभ मेंले में साधुओं ने अपनी एक अलग ही दुनिया बसाई है। यहां 13 अखाड़ों के अलग-अलग कैंप हैं।
बिजनौर में गाय ने विचित्र बछड़ों को जन्म दिया। एक बछड़े के दो मुंह और तीन आंखें थीं, जबकि दूसरे के छह पैर, दो मुंह और दो पूंछ थीं। जन्म के कुछ देर बाद ही बछड़ों की मौत हो गई।
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 शुरू हो चुका है। इस महाकुंभ में हजारों साधक नागा साधु की दीक्षा लेंगे। दीक्षा लेने से पहले ये साधक खुद का पिंडदान भी करेंगे।