सार
प्रयागराज के महाकुंभ में कुमार विश्वास के अपने-अपने राम का आयोजन किया गया, जिसे देखकर और सुनकर हर किसी का दिल खुश हो गया। यहां देखिए उस प्रोग्राम की झलक यहां।
महाकुंभ नगर । महाकुंभ 2025 में आस्था, संस्कृति और कला का संगम गंगा पंडाल में देखने को मिला। विख्यात कवि और प्रेरक वक्ता डॉ. कुमार विश्वास ने अपनी तीन दिवसीय प्रस्तुति "अपने-अपने राम" के माध्यम से श्रीराम कथा का वर्णन किया। इस आयोजन ने गंगा पंडाल में मौजूद हजारों भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गंगा तट पर 'अपने-अपने राम'
डॉ. कुमार विश्वास ने श्रीराम के आदर्शों और जीवन मूल्यों को अपने अनूठे अंदाज में प्रस्तुत किया। उनकी प्रस्तुति "मानवता के खुले आंख के सबसे सुंदर सपने राम" और "यह गंगा का किनारा है" ने भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
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कुचिपुड़ी नृत्य और भक्तिमय भजन
कार्यक्रम की शुरुआत दक्षिण भारत के प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नर्तक राजा और राधा रेड्डी के दल ने "देवी सुरेश्वरी देवी गंगे" की स्तुति से की। इसके बाद "तरंगम" प्रस्तुति के माध्यम से श्रीकृष्ण की कथाओं को नृत्य में उकेरा गया।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस आयोजन में बिहार के सांसद राजीव प्रताप रूडी और संस्कृति मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार श्रीमती गौरी बसु जैसी हस्तियां उपस्थित रहीं। मंच संचालन डॉ. आभा मधुर ने कुशलता से किया।
भक्तों को किया प्रेरित
कुमार विश्वास ने महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे जीवन का दुर्लभ अवसर बताया। उन्होंने सभी से इस पावन भूमि की दिव्यता का अनुभव करने का आग्रह किया।
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सांस्कृतिक संध्या का समापन
कार्यक्रम के अंत में पार्श्वगायक श्रीराम चंद्र ने भजन प्रस्तुत कर माहौल को और अधिक भक्तिमय बना दिया। गंगा पंडाल में हर तरफ आस्था, उत्साह और सांस्कृतिक चेतना का जादू बिखरा रहा। महाकुंभ 2025 के इस आयोजन ने भारतीय सनातन संस्कृति की महत्ता को और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचाया।