महाकुंभ 2025: कैसे ली जाती है दीक्षा? दीक्षा लेने की सबसे विहंगम तस्वीर
महाकुंभ के दौरान साधुओं की दीक्षा प्रक्रिया की शुरूआत हुई। इस सबसे कठिन आध्यात्मिक यात्रा के प्रथम चरण में इन नागा साधुओं ने अपने और अपनी सात पीढ़ियों का पिंडदान कर सांसारिक जीवन को त्यागने की पहली बड़ी परंपरा निभाई। गंगा घाट पर साधुओं ने अपने पूर्वजों और स्वयं का पिंडदान किया। यह कदम सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर एक नए आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत को दर्शाता है।