वाराणसी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र को हिंदी से समस्या है, तो सबसे पहले वहां से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को हटा दें, क्योंकि वही आज मुंबई की पहचान है। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में भले हिंदी न पढ़ाई जाए, लेकिन वहां के लोग हिंदी फिल्मों के ज़रिए भाषा सीखते हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं। ऐसे में हिंदी फिल्म प्रचार को कैसे रोका जा सकता है?