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बारिश के मौसम में ज्यादा होती है चिकनगुनिया की बीमारी, इस तरह करें बचाव
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बारिश के मौसम में ज्यादा होती है चिकनगुनिया की बीमारी, इस तरह करें बचाव

 हर साल बारिश के मौसम में चिकनगुनिया का आतंक बढ़ जाता है। चिकनगुनिया वायरस मच्छरों के कारण फैलता है। एक बार इसकी चपेट में आने पर व्यक्ति की हालत खराब हो जाती है। यह वायरस सबसे ज्यादा असर हड्डियों पर डालता है, जिसके कारण व्यक्ति चलने-फिरने या हाथों से किए जाने वाले साधारण काम को करने में काफी परेशानी होती है। ठीक हो जाने के बाद भी मरीज हड्डियों के दर्द से परेशान रहता है और दर्द जाने में महीनों का वक्त लग जाता है।चिकनगुनिया मादा एडिस इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं। इन मच्छरों के ऊपर धारियां होती हैं। ये तड़के और शाम के वक्त (दिन निकलने से पहले और दिन छुपने से पहले) ज्यादा काटते हैं। ऐसे में डॉक्टर ने बताए इसके बचाव के तरीके। 
 

कोरोना के समय अगर फली-सब्जी खरीदते समय नहीं बरती सावधानी तो बिगड़ सकती है सेहत
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कोरोना के समय अगर फली-सब्जी खरीदते समय नहीं बरती सावधानी तो बिगड़ सकती है सेहत

कोरोना के कारण फैली महामारी के दौरान इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि फल और सब्जियों के उत्पादन में स्वच्छता के अलावा इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि वो रोगाणु रहित हों. इसलिए कोरोना काल के दौरान सेहत से जुड़ी एक छोटी सी चूक भी भारी पड़ सकती है। कोरोना से बचाव के चलते भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने द्वारा जारी इन दिशा निर्देशों के जरिए सब्जियों और फलों की साफ सफाई के बारे में बताया है।

मौसम बदलते ही डेंगू होने का खतरा, एक्सपर्ट ने बताए कैसे करें बचाव
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मौसम बदलते ही डेंगू होने का खतरा, एक्सपर्ट ने बताए कैसे करें बचाव

 मौसम बदलते ही लोगों को आदतों में भी बदलाव करने की आवश्यकता होगी। बारिश पड़ते ही डेंगू का लार्वा फैलना शुरू हो सकता है। डेंगू बुखार एडिज एजिप्टाई नामक मच्छर के काटने से होता है। बरसात के मौसम में गंदगी की वजह से मच्छरों का प्रजनन बढ़ जाता है, ऐसे में उनसे होने वाली बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की भी संभावना बढ़नी शुरू हो जाती है।इससे बचाव करने के लिए जरूरी है कि हम पहले से ही तैयार रहें। मच्छरों से होने वाले रोग, खासकर डेंगू को लेकर स्वास्थ्य प्रशासन अलर्ट हो गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इसके लिए अलग वार्ड रिजर्व कराया जाएगा। चिकित्सा विभाग ने इससे बचाव के लिए तैयारियों में जुट गया है। बेहतर उपचार के लिए दवाइयां, जांच किट पहले से ही रख ली गई हैं। भोपाल की सिटी हॉस्पिटल की डायरेक्टर अंजू गुप्ता ने बताए इसके लक्षण और बचाव के तरीके। 

इन लक्षणों को न करें इग्नोर, हो सकती है चिकनगुनिया की गंभीर बीमारी
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इन लक्षणों को न करें इग्नोर, हो सकती है चिकनगुनिया की गंभीर बीमारी

 चिकनगुनिया से आज भारत ही नहीं  बल्कि दुनिया के बहुत सारे देश परेशान हैं। यह बीमारी जानलेवा तो नहीं है लेकिन आम जन-जीवन को बेहद अस्त-व्यस्त कर देती है, इसलिए चिकनगुनिया के संक्रमण का इलाज बहुत ही आवश्यक है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सिटी अस्पताल अधीक्षक डॉ.  सव्यसाची  गुप्ता ने बताया कि सबसे ज़रूरी इलाज तो चिकनगुनिया का यही है कि हम इससे रोकथाम ही करें। चिकनगुनिया मच्छरों के काटने से फैलता है इसलिए हमें इसके रोकथाम के लिए मच्छरों से खुद को बचाना होगा। म

अगर जूझ रहे हैं डिप्रेशन और इंसोम्निया से तो अपनाएं यह तरीका, मिलेगी राहत
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अगर जूझ रहे हैं डिप्रेशन और इंसोम्निया से तो अपनाएं यह तरीका, मिलेगी राहत

भारत ही नहीं  बल्कि पूरा विश्व इस समय कोरोना से जूझ रहा है. नौकरियां जा रही हैं, लोगों के व्यवसाय को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में हर किसी के मन में एक बेचैनी का भाव है, खासकर युवाओं में जो अभी अभी कॉलेज से निकले हैं या जिनकी नई नई नौकरी लगी है. उनके लिए यह समय काफी मुश्किल साबित हो रहा है. उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि इस मुश्किल से कैसे निपटा जाए. एक सर्वे के अनुसार युवाओं में नींद ना आने की बीमारी यानी कि इंसोमेनिया का प्रतिशत 10 से बढ़कर 33 हो गया है. ऐसे में क्या करना है, उसके लिए देखें यह वीडियो.

सावधान: चिकनगुनिया के कारण, लक्षण,और बचाव के तरीके
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सावधान: चिकनगुनिया के कारण, लक्षण,और बचाव के तरीके

चिकनगुनिया, वायरल इन्फैक्शन के कारण, मानसून के मौसम के दौरान आम तौर पर होने वाली कुछ बीमारियों में से एक है। यह बीमारी मनुष्यों में, चिकनगुनिया वायरस ले जाने वाले मच्छरों के काटने के कारण होती है!ऐडीस इजिप्ती और एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर वे हैं जो वायरस लेकर आते हैं।

आपका शरीर ही बताता है कि आप पर  गिरने वाली है बिजली, इन संकेतों से समझें
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आपका शरीर ही बताता है कि आप पर गिरने वाली है बिजली, इन संकेतों से समझें

वीडियो डेस्क। भारत के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश के साथ ही मॉनसून ने दस्तक दे दी है। जहां बारिश से गर्मी से राहत मिली है वहीं बिजली गिरने से मौतें भी हो रही हैं। ऐसे में कुछ जरूरी बातें हैं जो आपको बज्रपात से बचा सकती हैं। इन बातों का अगर आप ध्यान रखेंगे तो मौसम के कहर से बच सकते हैं। 

डायटीशियन ने बताया चिकनगुनिया अगर है तो किस तरह की हो हमारी डाइट ?
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डायटीशियन ने बताया चिकनगुनिया अगर है तो किस तरह की हो हमारी डाइट ?

चिकनगुनिया, वायरल इन्फैक्शन के कारण, मानसून के मौसम के दौरान आम तौर पर होने वाली कुछ बीमारियों में से एक है। यह बीमारी मनुष्यों में, चिकनगुनिया वायरस ले जाने वाले मच्छरों के काटने के कारण होती है!ऐडीस इजिप्ती और एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर वे हैं जो वायरस लेकर आते हैं।चिकनगुनिया होने पर कैसा आहार लेना चाहिए इसके बारे में बता रही हैं डायटीशियन डॉक्टर पायल परिहार। 
 

सावधान / मलेरिया होने के कारण, लक्षण और बचाव
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सावधान / मलेरिया होने के कारण, लक्षण और बचाव

मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी की वजह से होती है। ये रोगाणु इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वाइरस के कारण होता है । अनोफलीज़ (Anopheles) नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में ये वाइरस संचारित होता है। केवल वही मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो। ये वायरस लिवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देता है। भारत में हर साल मलेरिया की बीमारी के चलते दो लाख से ज्यादा मौतें होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल 2,05,000 मौतें मलेरिया से होती हैं। इस घातक बीमारी की मार सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ती है। 55,000 बच्चे जन्म के कुछ ही सालों के भीतर काल के मुंह में समा जाते हैं। 30 हजार बच्चे पांच से 14 साल के बीच मलेरिया से दम तोड़ते हैं। 15 से 69 साल की उम्र के 1,20,000 लोग भी इस बेहरम बीमारी से बच नहीं पाते हैं। आम तौर पर मलेरिया संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। भोपाल की सिटी हॉस्पिटल की डॉक्टर अंजू गुप्ता ने बताया मलेरिया होने के कारण, लक्षण और बचाव
 

अगर रह रहे हैं अकेले तो डिप्रेशन से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
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अगर रह रहे हैं अकेले तो डिप्रेशन से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

कई लोग हैं जो जीवन में अकेला रहना पसंद करते हैं. लेकिन कई बार यही अकेलापन जीवन में कई समस्याओं की जड़ बन जाता है और हमें पता भी नहीं चलता. वैसे अकेलापन अपने आप में कोई समस्या नहीं है, लेकिन जब यह हद से ज्यादा गुजर जाता है तो कई समस्याओं का सबब बन जाता है। इससे मानसिक तौर पर जो समस्याएं पैदा हो रही हैं, वे न केवल अवसाद का शिकार बना रही हैं, बल्कि खुदकुशी के लिए भी उकसा रही हैं। दुनियाभर में हुए लॉकडाउन के दौरान किए गए सर्वे भी इस ओर इशारा करते हैं कि अकेले लोगों को मानसिक तौर पर ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा, बनिस्बत उनके जो परिवारों के साथ थे।

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