EXCLUSIVE: कॉलेज को दिए जा रहे अनुदान का पैसा हजम कर गए ट्रस्टी, 500 करोड़ के घोटाले का हुआ खुलासा

जिले के नामी कॉलेज कहे जाने वाले बीएसए कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं की जांच की गई तो जांचकर्ताओं की आँखें फटी की फटी रह गईं। जांच में करीब 500 करोड रुपए के घोटाले की बात खुलकर सामने आई। 

/ Updated: May 30 2022, 07:53 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

मथुरा: जिले के नामी कॉलेज कहे जाने वाले बीएसए कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं की जांच की गई तो जांचकर्ताओं की आँखें फटी की फटी रह गईं। जांच में करीब 500 करोड रुपए के घोटाले की बात खुलकर सामने आई। वहीं कॉलेज प्रशासन के पदाधिकारियों ने भी तथाकथित अध्यक्ष सहित तीन लोगों की शिकायत कॉलेज के प्राचार्य और शासन के उच्च अधिकारियों को की है। वहीं मैनेजमेंट के प्रोफेसरों ने तथाकथित ट्रस्टीयों पर घोटाले के आरोप लगाए हैं।

निजी ट्रस्टों में कॉलेज का पैसा दान कर किया गया बड़ा गबन
शहर के नामचीन कॉलेज में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। शिक्षण कार्य से प्राप्त हुई कलेज को करीब 500 करोड रुपए की धनराशि को कॉलेज का अध्यक्ष बताने वाले कंचन लाल अग्रवाल सहित तीन लोगों के द्वारा बंदरबांट कर लिया गया।  BSA कॉलेज के प्रशासन के पदाधिकारी और कर्मचारियों ने कॉलेज के तथाकथित पदाधिकारियों पर वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ कॉलेज की धनराशि को अपने निजी ट्रस्टों में ट्रांसफर करने और कॉलेज की धनराशि का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए हैं। कॉलेज प्रशासन के कर्मचारी और अधिकारियों का आरोप है कि अपने आपको कॉलेज का अध्यक्ष बताने वाले कंचन लाल अग्रवाल उनको डरा धमका कर कॉलेज के पैसे को कॉलेज के बैंक अकाउंट से अपने निजी खातों में ट्रांसफर करा कर उसका दुरुपयोग करते थे। कोई भी कॉलेज प्रशासन का अधिकारी या कर्मचारी आनाकानी करता था तो उसे कॉलेज से निकलवा देते थे। 

कॉलेज के ही प्रोफेसरों ने लगाए तथाकथित ट्रस्टियों पर आरोप
शिक्षा संकाय के प्रभारी बीके गोस्वामी ने कॉलेज में पाई गई वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी देते हुए बताया कि 2011 से कॉलेज में ट्रस्ट भंग चल रहा है, तब से लेकर आज तक ट्रस्ट ने किसी कमेटी का गठन नहीं किया है। कंचन लाल अग्रवाल अपने आप को कमेटी का अध्यक्ष बताते हैं जिन्होंने करोड़ों रुपए की धनराशि ए.एस.एम और बृज चिकित्सा संस्थान को दान में दे दी जबकि बीएसए कॉलेज खोज दान दाताओं के सहयोग से चलता है। कॉलेज की धनराशि को दूसरे संस्थानों को डोनेट कर अपना निजी स्वार्थ पूरा करते हुए अपने उपयोग में लिया है। उन्होंने कहा कि कंचन लाल अग्रवाल जो की अपने आप को कमेटी का अध्यक्ष बताते हैं। जब की कमेटी भंग है। वहीं राजेश अग्रवाल और विनोद गर्ग पर भी करोड़ों के गबन में शामिल होने की बात कही है। 

महालेखा परीक्षक, शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा, वित्त नियंत्रित इलाहाबाद
विभागाध्यक्ष शिक्षा संकाय ने यह भी बताया कि कॉलेज में हुए सैकड़ों करोड़ों के घोटाले की लिखित में शिकायत हम लोगों ने बीएसए कॉलेज के प्राचार्य डॉ ललित मोहन शर्मा के साथ- महालेखा परीक्षक, शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा, वित्त नियंत्रक इलाहाबाद के अलावा डीएम और वीसी से की है। इनके द्वारा जब जांच बिठाई गई तो जांच में घोटाले की बात निकल कर सामने आई और यह बात जब तथाकथित प्रश्नों के कानों तक पहुंची तो उन्होंने खाते सीज होने से पहले ही लाखों रुपए निकाल लिए। कॉलेज के पैसों का प्रयोग अपने निजी खर्चों के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने आपको मैनेजमेंट का अध्यक्ष बताने वाले व्यक्तियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि 1912, 30-7-12, 9-1-18 और 8-2-18 में जो अनुमोदन दिया गया था उसे शासन ने यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया था कि कॉलेज की संस्था और कमेटी में विवाद की स्थिति बनी हुई है।

ट्रस्टी बताने बाले लोग कुछ भी बताने को नहीं हुए तैयार
बीएससी कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं और घोटाले की जांच को लेकर जब ट्रस्ट के अध्यक्ष बताने वाले कंचन लाल अग्रवाल और महामंत्री राजेश अग्रवाल से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना करते हुए फोन काट दिया।