जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, "चुनाव आयोग ने पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। यदि वे बता रहे हैं कि यहां नेपाली और बांग्लादेशी हैं तो यह बड़ी चिंता की बात है... क्या चुनाव आयोग यह स्वीकार कर रहा है कि जिस निर्वाचक नामावली से लोकसभा का चुनाव हुआ, उसमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी या गैर कानूनी लोग शामिल थे? दूसरी बड़ी बात है कि यदि यह लोग बिहार में आकर रह रहे हैं तो बिहार में तो भाजपा-नीतीश की सरकार है, यह लोग कैसे रह रहे हैं? पुलिस प्रशासन क्या कर रहा है?... नीतीश सरकार को जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार के रहते ऐसे लोगों को बिहार में आकर रहने, यहां की सुविधाओं का लाभ लेने, वोट देने का अधिकार कैसे मिल गया?"