जवाहर बाग़ हिंसा में शहीद हुए एसपी की पत्नी का छलका दर्द, बोलीं - 'सरकार के दावे सिर्फ राजनीति तक सीमित'

 2 जून 2016 को हुई जवाहर बाग़ की वो दिल दहलाने वाली घटना को भले ही 6 साल का समय बीत गया हो, लेकिन 6 साल बाद भी हिंसा के घाव भरे नहीं हैं। जवाहर बाग़ हिंसा में शहीद हुए पूर्व एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी गुरुवार को जवाहर बाग़ पहुंचीं। यहाँ पहुँचने के बाद उन्होंने शहीद मुकुल द्विवेदी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वहीं उनकी पत्नी का दर्द छलक पड़ा। वर्तमान सरकार को कोसती नज़र आईं। 

/ Updated: Jun 02 2022, 07:58 PM IST

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मथुरा: 2 जून 2016 को हुई जवाहर बाग़ की वो दिल दहलाने वाली घटना को भले ही 6 साल का समय बीत गया हो, लेकिन 6 साल बाद भी हिंसा के घाव भरे नहीं हैं। जवाहर बाग़ हिंसा में शहीद हुए पूर्व एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी गुरुवार को जवाहर बाग़ पहुंचीं। यहाँ पहुँचने के बाद उन्होंने शहीद मुकुल द्विवेदी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वहीं उनकी पत्नी का दर्द छलक पड़ा। वर्तमान सरकार को कोसती नज़र आईं। 

गुरुवार को शहीद मुकुल द्विवेदी की पत्नी अपने परिवार के साथ मथुरा के जवाहर बाग़ उद्यान पहुँचीं। यहाँ पहुँचने के बाद उन्होंने शहीद मुकुल द्विवेदी वाटिका में उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं शहीद मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से रूबरू हुईं। मीडिया से रूबरू होते समय उनका दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि जिस जवाहर बाग़ को कथित उपद्रवियों से खाली कराने में अपने प्राणों की आहुति दे दी आज उनकी प्रतिमा लगाने के लिए हम लोग दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। हमारी तरफ से फ़ाइल भेजी गई थी कि मेरे पति की एक प्रतिमा स्थापित करने के लिए अनुरोध किया था, लेकिन हमें आज पता चला है कि फ़ाइल को बिना कोई कारण बताूए वापस भेज दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे पति ने अपनी जान गवाई बाग़ को खाली कराने में सरकार ने फ़ाइल वापस की है अच्छी बात नहीं है। शहीद मुकुल द्विवेदी पत्नी अर्चना ने कहा कि सरकार के दावे सिर्फ़ राजनीति तक सीमित है। 

बता दें कि 2014 में कथित उपद्रवियों के द्वारा जवाहर बाग़ में दो दिन रुकने की परमिशन माँगी थी। धीरे धीरे अवैध कब्जा धारियों ने 2 जून 2016 को जवाहर बाग़ में हिंसा ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस हिंसा में पूर्व एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हिंसा में दो पुलिस अधिकारियों सहित 29 लोगों की जान गई थी। जवाहर बाग़ की 270 एकड़ भूमि पर कथित कब्ज़ा धारियों ने कब्जा किया था।