तिरंगे में लिपटा आया मां का लाल, अंतिम यात्रा में टूटी भीड़, अमर रहे जय किशोर के लगे नारे

वीडियो डेस्क। लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में देश के नाम पर अपनी जान गंवाने वाले बिहार के लाल जय किशोर का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम दौड़ पड़ा। हर आंख में आसूं थे और जुबां पर जयकिशोर अमर रहे के नारे। चीन मुर्दाबाद और भारत जिंदाबाद के बीच दो दिन में 20 रणबांकुरों का अंतिम संस्कार हुआ है। 

| Updated : Jun 19 2020, 04:36 PM
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वीडियो डेस्क। लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में देश के नाम पर अपनी जान गंवाने वाले बिहार के लाल जय किशोर का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम दौड़ पड़ा। हर आंख में आसूं थे और जुबां पर जयकिशोर अमर रहे के नारे। चीन मुर्दाबाद और भारत जिंदाबाद के बीच दो दिन में 20 रणबांकुरों का अंतिम संस्कार हुआ है। सभी जाबांजों का पार्थिव शरीर उनके पैतिृक गांव पहुंचा। जयकिशोर सिंह बिहार रेजीमेंट सेंटर के जवान थे। वर्ष 2018 में उन्होनें इंडियन आर्मी ज्वाइन किया था। वे भारत-तीन बॉर्डर पर गलवान में तैनात थे। जहां चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में उन्होंने जमकर विरोधियों का मुकाबला किया। उन्होनें सीमा पर देश का सीना झुकने नहीं दिया। शहीद जय किशोर सिंह चार भाईयों में दूसरे नम्बर पर हैं। शहीद जय किशोर सिंह के बड़े भाई नंद किशोर सिंह भी सेना के जवान हैं। जो 2012 में भर्ती होने के बाद देश की सेवा कर रहे हैं। शहीद जय किशोर सिंह 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। पिता राज कपूर सिंह किसान हैं।

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