आज भी अधूरा है अटल बिहारी वाजपेयी का ये सपना... लेकिन कागजों में ऐसे कर दिया पूरा
वीडियो डेस्क। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज 96 वीं जयंती है। मुखर व्यक्तित्व और प्रतिभा के धनी थे अलट। उनकी कविताएं आने वाली पीढ़ी को हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। आज उनके जन्म दिन पर आपको उनके गांव से जुड़े अटल जी के एक सपने के बारे में बताते हैं जो सिर्फ सपना नहीं बल्कि एक ड्रीम प्रोजेक्ट था।
वीडियो डेस्क। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज 96 वीं जयंती है। मुखर व्यक्तित्व और प्रतिभा के धनी थे अलट। उनकी कविताएं आने वाली पीढ़ी को हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। आज उनके जन्म दिन पर आपको उनके गांव से जुड़े अटल जी के एक सपने के बारे में बताते हैं जो सिर्फ सपना नहीं बल्कि एक ड्रीम प्रोजेक्ट था।उनका सपना था कि उनके पैतिृक गांव बटेश्वर में रेलवे स्टेशन बनाया जाए। अपने सपने को साकार करने की नींव उन्होंने 6 अप्रैल 1999 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ के साथ शिखर वार्ता के समय रेलवे लाइन के शिलान्यास के रूप में डाली। लेकिन सरकार बदलने से मामला ठंडे बस्ते में चला गया और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली तो एक बार फिर इस प्रॉजेक्ट को पंख लगे और 24 दिसम्बर 2015 को तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बटेश्वर स्टेशन का उद्घाटन किया। इस दौरान मंत्री ने यहां ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई। इस रूट पर आगरा से इटावा तक का सफर किया जा सकता था। इसके बाद कुछ समय तक तो स्टेशन के हालात ठीक रहे पर फिर रेलवे इसे भूल गया। हालात ये हैं कि कागजों में जरूर अटल जी का सपना पूरा होते हुए दिखाई देगा लेकिन असल में नहीं। बटेश्वर में रेलवे स्टेशन बनाया तो गया है पर न यहां कोई ट्रेन रुकती है और न ही यहां कोई कर्मचारी काम करता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि प्रपोजल भेजे गए हैं और आने वाले समय मे वहां के हालात सुधारे जाएंगे।