फुटपाथ पर नीम-हकीम की दुकान चलाने वालों से इलाज कराना कितना महंगा साबित होता है, यह घटना इसी का उदाहरण है। एक शख्स को दाद या खुजली थी। वो झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंचा। उसने शर्तिया इलाज का दावा करके 5000 रुपए ले लिए। लेकिन जब मरीज को कोई फर्क नहीं पड़ा, तो उसने पैसे वापस मांग लिए। इस बात पर 'मुन्नाभाई डॉक्टर' नाराज हो उठे और मरीज को इतना पीटा कि वो खुजली भूलकर दूसरे हॉस्पिटल में इलाज करा रहे हैं।
लॉकडाउन के चलते अपनी रोजी-रोटी छीन जाने से परेशान पांच लड़कियों पर उसके मकान मालिक ने अलग से जुल्म ढा दिया। जब उन्होंने किराया नहीं दिया, तो मकान मालिक ने लड़कियां का सारा सामान जब्त करके उन्हें कैद कर दिया। मामला छत्तीसगढ़ के पेंड्रा जिले का है। हालांकि सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और रोती-बिलखती लड़कियों को मुक्त कराया।
पूरा देश कोरोना के कहर से जूझ रहा है, ऐसी मुश्किल घड़ी में असली योद्धा बनकर उभरी हैं भारत की नर्सें, जो अपने परिवार से दूर रहकर 15 घंटे की ड्यूटी कर रही हैं। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है, छत्तीसगढ़ की एक नर्स ने, जो आज एक महीने बाद घर पहुंची है।
कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। रोज इससे मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। वहीं इसी बीच छत्तीसगढ़ से एक दिल दहला देने वाले सड़क हादसे की खबर सामने आ रही है। जिसमें एक परिवार को तीन लोगों की मौत हो गई।
जहां एक तरफ पूरे देश में कोरोना दहशत फैला रहा है, इसी बीच छत्तसीगढ़ से एक अच्छी खबर सामने आई है। पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक 16 लाख की इनामी नक्सली महिला के मारे जाने की खबर है।
कोरोना संक्रमण ने रिश्तों में भी कड़वाहट ला दी है। लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए लोग अपने ही परिवारों से दूरियां बनाने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर से सामने आया है। यहां पुणे में नौकरी करने वाला एक युवक होली पर घर आया था। लेकिन लॉकडाउन के कारण वो वापस नहीं जा सका। उसके ऊपर सारे घर का खर्चा आने से वो बौखला गया और मां से झगड़ पड़ा।
जगदलपुर, छत्तीसगढ़. इस समय देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। ऐसे में लोगों की मदद के लिए हजारों हाथ उठे हैं। इन्हीं में से एक है बस्तर के शहीद उपेंद्र साहू के परिजन। इस दु:खभरे माहौल में भी ये लोग कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं। शहीद की पत्नी राधिका ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 हजार रुपए की मदद की है। वे खुद बस्तर एसपी के पास पहुंची और राशि जमा कराई। राधिका ने कहा कि अगर उनके पति जीवित होते, तब वो भी ऐसा ही करते। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीद की पत्नी के इस जज्बे की सराहना की है। उन्होंने ट्वीट पर लिखा कि वे नि:शब्द हैं। सलाम करते हैं। बता दें कि पथरागुड़ा के रहने वाले उपेंद्र साहू 14 मार्च को दंतेवाड़ा, जगदलपुर की सीमा से सटे जंगलों में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
देश में लगातार कोरोना की मरीजों और इससे मरने वालों की संख्या का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं कई लोग इस महामारी के खिलाफ जारी जंग में मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। संकट के समय में छत्तीसगढ़ की शहीद की पत्नी ने किया ऐसा नेक काम किया जिसकी तारीफ खुद CM भूपेश बघेल ने की है।
बिलासपुर (छत्तीसगढ़). कोरोना वायरस के बढ़ते कहर ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। रोज कई जिंदगियां दम तोड़ रही हैं,सरकार की अपील के बाद भी लॉकडाउन भंग की घटनाएं हो रही हैं। इस दौरान देश से ऐसी शर्मसार करने वाली तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। जो मानवता को कलंकित कर रही हैं। वहीं इसी बीच छत्तीसगढ़ से एक मैरिज कपल की अच्छी तस्वीर देखने को मिली है। जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है। Twitter इस फोटो को काफी लोग शेयर कर कमेंट्स कर रहे हैं।