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दर्द का सफर! मां की गोद में सोने वाला बच्चा पत्थर पर सोने को मजबूर, पढ़िए मजदूरों की दास्तां
दर्द का सफर! मां की गोद में सोने वाला बच्चा पत्थर पर सोने को मजबूर, पढ़िए मजदूरों की दास्तां

रायपुर (छत्तीसगढ़). कोरोना काल हर कोई अपने घर या गांव पहुंचना चाहता है। चाहे फिर इसके लिए पैदल ही क्यों हजारों किलोमीटर चलना ना पड़े। बेबस-असहाय  मजदूरों के लिए अब चिलचिलाती धूप और तपती सड़कें भी दर्द नहीं दे रही हैं। यहां तक कि कईयों के पैर में छाले पड़ गए किसी के पैरों से खून तक निकलने लगा, लेकिन, इसके बाद भी वो रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, उनकी एक ही जिद है, बस हमको घर जाना है। देश के कई हिस्सों से पलायन कर रहे मजदूरों की ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जो पत्थर का भी दिल पिघला दें। जानिए जानते हैं मजबूर मजदूरों की दर्दभरी कहानी...

21 साल की दिव्यांग लड़की घिसटते हुए घर को 'चल' पड़ी, देखिए पलायान के दर्द से जुड़ीं कुछ तस्वीरें
21 साल की दिव्यांग लड़की घिसटते हुए घर को 'चल' पड़ी, देखिए पलायान के दर्द से जुड़ीं कुछ तस्वीरें

बिलासपुर, छत्तीसगढ़.  यह हैं जांजगीर मुढ़पार की रहने वाली 21 साल की दिव्यांग चंद्रिका। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिंदगी में कभी घिसटते हुए मीलों चलना पड़ेगा। वे गुरुग्राम में ईंट भट्टे पर मजदूरी करती थीं। काम-धंधा बंद हुआ, तो साथी मजदूरों के साथ पैदल घर को लौट पड़ीं। करीब 170 किमी वे घिसटते हुए आगरा पहुंचीं। यहां यूपी पुलिस ने मजदूरों को खाना खिलाया और फिर गाड़ियों में बैठाकर आगे रवाना किया। चंद्रिका ने कहा कि इसके अलावा उनके पास दूसरा कोई जरिया भी नहीं था। चंद्रिका ने कहा कि यहां तो खाने-पीने तक के लाले पड़े गए थे। चंद्रिका और उसके साथ के 32 लोग पैदल गुरुग्राम से चलकर 5 दिन में आगरा पहुंचे थे।
 

तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या..?’, बस इस ताने को सुनकर यह डॉक्टर बन गई IAS
तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या..?’, बस इस ताने को सुनकर यह डॉक्टर बन गई IAS

नई दिल्ली.  पूरे देश में कोरोना आपदा ने लोगों की जिंदगी मुहाल कर दी है। ऐसे में सिविल सर्वेंट्स लोगों की मदद करके हर रोज इंसानियत की नई मिसाल पेश कर रहे हैं। महिला अधिकारी भी कोरोना वायरस के लगाए गए लॉकडाउन में चार कदम आगे बढ़कर लोगों की सेवा में जुटी हैं। ऐसी ही एक अफसर आजकल बहुचत चर्चा में हैं। ये हैं छत्तीसगढ़ की आईएएस ऑफिसर डॉ प्रियंका शुक्ला (IAS Priyanka Shukla) जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह इन दिनों फील्ड के साथ ही ट्विटर के जरिए कोरोना के खिलाफ जिस तरह से जगरुकता फैला रही हैं लोग उसकी खूब तारीफ कर रहे हैं। प्रियंका शुक्ला IAS बनने से पहले एमबीबीएस डॉक्टर रह चुकी हैं। हालांकि डॉक्टरी के दिनों में उनके साथ एक ऐसी घटना घटी कि उन्होंने IAS बनने की ठान ली।

 

आईएएस सक्सेज स्टोरी (IAS Success Story Of Priyanka Shukla) में हम आपको प्रियंका शुक्ला के एक डॉक्टर से अफसर बनने की इंस्पारिंग स्टोरी सुना रहे हैं। 

11 दिन पहले मंगेतर ने लगाई थी फांसी, अब प्रेमी ने थानेदार को किया कॉल-सॉरी सर..और फिर...
11 दिन पहले मंगेतर ने लगाई थी फांसी, अब प्रेमी ने थानेदार को किया कॉल-सॉरी सर..और फिर...

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में 11 दिन के अंतराल पर प्रेमी कपल की सुसाइड का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पहले प्रेमिका ने फांसी लगाई और अब प्रेमी ने जान दे दी। इनकी सगाई हो चुकी थी। 15 अप्रैल को शादी होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण टालना पड़ी। प्रेमिका की सुसाइड के मामले में पुलिस ने प्रेमी से पूछताछ की थी। मरने से पहले प्रेमी ने थानेदार को कॉल करके सॉरी बोला था।

पुलिसवाले को उठा ले गए थे नक्सली, पत्नी ने भी कमर कस ली और बेटी को लेकर पहुंच गई उनके बीच, हुआ फिर ऐसा..
पुलिसवाले को उठा ले गए थे नक्सली, पत्नी ने भी कमर कस ली और बेटी को लेकर पहुंच गई उनके बीच, हुआ फिर ऐसा..

एक महिला के साहस के चलते नक्सलियों को हार माननी पड़ी। नक्सलियों ने उसके पुलिसकर्मी पति का अपहरण कर लिया था। वे उसे 4 मई को उठाकर ले गए थे। 7 दिनों तक जंगल में भटकाने के बाद 11 मई को नक्सलियों ने जनअदालत बुलाई थी। पुलिसकर्मी की पत्नी अपनी बेटी के साथ यहां पहुंच गई। यहां उसने नक्सलियों को अपने पति को छोड़ने पर मजबूर कर दिया। मामला छत्तीसगढ़ के बीजापुर का है।

बीमार पिता का इलाज कराने बेटा पुलिस से करता रहा मिन्नतें, आखिर में बुजुर्ग की वहीं हो गई मौत
बीमार पिता का इलाज कराने बेटा पुलिस से करता रहा मिन्नतें, आखिर में बुजुर्ग की वहीं हो गई मौत

कोरोना वायरस के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन की वजह लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी कीमत लोग मर कर चुका रहे हैं। ऐसा ही एक मार्मिक तस्वीर छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश बार्डर पर देखने को मिली। जहां एक बेटा अपने बीमार पिता को इलाज कराने के लिए पुलिसवालों के सामने जोड़ता रहा। लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा और बुजुर्ग की वहीं मौत हो गई।

घर जाने के लिए खतरे में जिंदगी डाल रहे मजदूर, पिता ने बच्चे को ऐसे हवा में उछालकर ट्रक में फेंका
घर जाने के लिए खतरे में जिंदगी डाल रहे मजदूर, पिता ने बच्चे को ऐसे हवा में उछालकर ट्रक में फेंका

लॉकडाउन के चलते लाखों मजदूरों के काम-धंधे बंद हो गए हैं। संकट के इस वक्त में उनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा है। ऐसे हालातों में प्रवासी मजदूर अपनी जान खतरे में डाल पैदल और ट्रकों में बैठकर अपने घरों की ओर जा रहे हैं। ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली तस्वीर छत्तीसगढ़ से सामने आई है, जहां एक पिता ने घर जाने की जल्दी में अपने मासूम बच्चे जिंदगी खतरे में डाल दी।
 

छत्तीसगढ़ के पूर्व CM अजीत जोगी को कोमा से बाहर निकालने डॉक्टर कर रहे यह प्रयोग
छत्तीसगढ़ के पूर्व CM अजीत जोगी को कोमा से बाहर निकालने डॉक्टर कर रहे यह प्रयोग

छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की हालत में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा। वे पिछले 4 दिनों से रायपुर के श्री नारायणा अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। उनके ब्रेन में न के बराबर हलचल है। वे कोमा में हैं। उन्हें होश में लाने डॉक्टर एक प्रयोग कर रहे हैं। जोगी को 70 के दशक के उनके पसंदीदा गाने सुनाए जा रहे हैं। डॉक्टर उम्मीद कर रहे हैं कि शायद इससे कुछ चमत्कार हो जाए।
 

SDM मैडम ने पूर्व सैनिक को यूं किया क्वारेंटाइन, तो गुस्सा हो गई पत्नी बोली-मैं धरने पर बैठूंगी
SDM मैडम ने पूर्व सैनिक को यूं किया क्वारेंटाइन, तो गुस्सा हो गई पत्नी बोली-मैं धरने पर बैठूंगी

यह हैं मुंगेली जिले के लोरमी की SDM रुचि शर्मा। वैसे तो ये लेडी अफसर अपनी कार्यशैली के चलते हमेशा जनता में प्रशंसा बंटोरती रही हैं, लेकिन इस बार एक पूर्व सैनिक को क्वारेंटाइन करने पर विवादों में घिर गईं। आरोप है कि इन्होंने डंडे फटकारकर उसे क्वारेंटाइन किया। इससे पूर्व सैनिक की पत्नी नाराज हो गई है। उसने SDM के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। हालांकि SDM का कहना है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। हां, पूर्व सैनिक क्वारेंटाइन होने से मना कर रहा था।

घात लगाए नक्सलियों ने पुलिस पर किया हमला, 4 नक्सली ढेर; SI के पेट में लगी गोली, शहीद
घात लगाए नक्सलियों ने पुलिस पर किया हमला, 4 नक्सली ढेर; SI के पेट में लगी गोली, शहीद

राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें पुलिस ने 4 नक्सलियों को मार गिराया है। दोनों के बीच चली तकरीबन एक घंटे तक मुठभेड़ में एसआई श्याम किशोर शर्मा के पेट में गोली लग गई। जिसके कारण वह जिंदगी की जंग हार गए। 

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