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हे भगवान! इतनी दहशत..नॉर्मल मौत में भी शव को ना कंधा नसीब हुआ-ना घरवालों ने देखा चेहरा, सिर्फ आंसू बहे
हे भगवान! इतनी दहशत..नॉर्मल मौत में भी शव को ना कंधा नसीब हुआ-ना घरवालों ने देखा चेहरा, सिर्फ आंसू बहे

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और लॉक डाउन के बीच लोग अपनों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पा रहे हैं। एक मामला छत्तीसगढ़ में सामने आया है। जहां युवक की मौत के बाद उसको एक नाले में दफना दिया गया। हालांकि, मृतक कोरोना संक्रमित नहीं था।

कोरोना से जंग में पुलिसवालों को घर का खाना भी नहीं नसीब, IPS ने शेयर किया वीडियो
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कोरोना से जंग में पुलिसवालों को घर का खाना भी नहीं नसीब, IPS ने शेयर किया वीडियो

 कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। लॉकडाउन का पालन करनावे के लिए बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे पुलिसकर्मियों का एक वीडियो सामने आया है। 

आप भी घर पर ऐसी जुगाड़ करके बना सकते हैं सैनिटाइजर टनल, जो आपको संक्रमण से बचाएगी
आप भी घर पर ऐसी जुगाड़ करके बना सकते हैं सैनिटाइजर टनल, जो आपको संक्रमण से बचाएगी


छत्तीसगढ़ के कोंडागांव के रहने वाले एक छात्र ने यह सैनिटाइजर टनल तैयार की है। इसके लिए कबाड़ में पड़ी मोटर को यूज किया गया है।
 

बांग्लादेशी महिला को देखकर घबरा गए मोहल्ले के लोग, आइसोलेशन से निकलकर घूम रही थी बिंदास
बांग्लादेशी महिला को देखकर घबरा गए मोहल्ले के लोग, आइसोलेशन से निकलकर घूम रही थी बिंदास

यह मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का है। यहां एक बांग्लादेशी महिला ने खासा हंगामा मचा दिया। उसे हेल्थ विभाग ने आइसोलेशन में भेजा था, लेकिन वो बाहर तफरी कर रही थी।
 

तंत्र साधना के चक्कर में बेटे ने ही ले ली मां की जान, घर के 3 और लोगों को उतारा मौत के घाट
तंत्र साधना के चक्कर में बेटे ने ही ले ली मां की जान, घर के 3 और लोगों को उतारा मौत के घाट

सीतापुर थाना क्षेत्र के सरनापारा गांव में  हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया गया है। जहां आरोपी ईश्वर ने अपनी मां मनबसिया पैकरा सहित परिवार के अन्य 3 लोग राजकुंवर पैकरा, मोगनराम और जवर साय को तंत्र साधना के चक्कर में मौत के घाट उतार दिया। 

ये जुड़वां बच्चे हैं कोरोना और कोविड, जिंदगीभर दिलाते रहेंगे लॉकडाउन की याद..दहशत में माता-पिता..
ये जुड़वां बच्चे हैं कोरोना और कोविड, जिंदगीभर दिलाते रहेंगे लॉकडाउन की याद..दहशत में माता-पिता..

छत्तीसगढ़ में एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। लॉकडाउन के दौरान हुए इन बच्चों का नाम पति-पत्नी ने बेटी का नाम कोरोना और बेटे का नाम कोविड रख दिया है।

 

इस मासूम ने मुस्कुराते हुए देश के लोगों से की एक ही अपील, अपने बच्चों की खातिर घर में रहिए
इस मासूम ने मुस्कुराते हुए देश के लोगों से की एक ही अपील, अपने बच्चों की खातिर घर में रहिए

तस्वीर में दिखाई दे रहा है यह मासूम बच्चा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का है। जिसका नाम रुद्रांश नीलेश गर्ग है। अपने हाथ में एक पोस्टर लेकर लोगों से यही अपील कर रहा है कि प्लीज आप लोग अपने बच्चों की खातिर घर में रहिए।

लंदन से लौटी 23 साल की संक्रमित युवती ने कहा, 'मैं अपनी मातृभूमि को नमन करती हूं'
लंदन से लौटी 23 साल की संक्रमित युवती ने कहा, 'मैं अपनी मातृभूमि को नमन करती हूं'

रायपुर, छत्तीसगढ़. कोरोना से ज्यादा उसका डर लोगों के दिलों में घर कर गया है। यह सही है कि संक्रमण से बचना जरूरी है। जिनकी इम्यूनिटी(रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर है, वे संक्रमण से फाइट नहीं कर पाते। लेकिन सावधानी रखें और समय पर इलाज कराएं, तो कोरोना से ठीक हो सकते हैं। यह कहानी भी यहां की मूलवासी 23 साल की एक युवती की है, जो 17 दिन के इलाज के बाद अब स्वस्थ्य होकर घर लौट आई है। युवती लंदन में रहती है। जब वो वहां से लौटी, तो 3-4 दिन बाद उसने एम्स में टेस्ट कराया। उसे कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद भर्ती किया गया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीज लगातार ठीक हो रहे हैं।

17वें दिन डॉक्टरों ने कमरा खोला..पत्नी और बच्चों को देख भावुक हुए, 5 मिनट बात की और फिर दरवाजा कर लिया बंद
17वें दिन डॉक्टरों ने कमरा खोला..पत्नी और बच्चों को देख भावुक हुए, 5 मिनट बात की और फिर दरवाजा कर लिया बंद

रायपुर, छत्तीसगढ़. यह कहानी कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई का एक हिस्सा है। देशभर से ऐसी कई कहानियां सामने आ रही हैं, जो भावुक करती हैं। लेकिन यह हिंदुस्तानियों का साहस है कि उन्होंने कोरोना संक्रमण को हावी नहीं होने दिया। यह कहानी दो डॉक्टरों से जुड़ी है। वे 16 मार्च से क्वारेंटाइन हैं। 17वें दिन उन्होंने कुछ पल के लिए अपने कमरे का दरवाजा खोला। बाहर उनकी पत्नी और बच्चे खड़े थे। एक-दूसरे को देखकर सभी भावुक हो उठे। करीब 5 मिनट डॉक्टरों ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर उनसे बात की और फिर दरवाजा बंद कर लिया। डॉक्टरों को उम्मीद है कि कुछ दिनों बाद वे बाहर निकलेंगे। बता दें कि मेडिकल कॉलेज के ये दोनों डॉक्टर 15 मार्च को जब नई दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरे, तो उन्हें 24 घंटे नरेला स्थित क्वारेंटाइन में रखा गया था। हालांकि उनमें कोरोना के लक्षण नहीं मिले थे, फिर भी दोनों ने रायपुर लौटकर खुद को आइसोलेशन में रख लिया था। (आगे पढ़ें इन्हीं दोनों डाक्टरों की कहानी..)

रामनवमी के दिन मासूम कन्याओं ने किया दिल को छू लेने वाला काम, थाने पहुंचकर दिखाई दरियादिली
रामनवमी के दिन मासूम कन्याओं ने किया दिल को छू लेने वाला काम, थाने पहुंचकर दिखाई दरियादिली

रायपुर. देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में हर रोज बढ़ती जा रही है। वहीं भूखे-प्यासे हजारों गरीब परिवार इधर से उधर भटक रहे हैं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की अपील करने के बाद से हर कोई अपने स्तर से इनकी मदद कर रहा है। अब इस मुहिम में हमारे देश के छोटे-छोटे बच्चे भी पीछे नहीं हैं। ऐसी ही एक खबर छत्सीगढ़ से सामने आई है। जहां रामनवमी के दिन इस मासूम कन्यांओ दिल को छू लेने वाला काम किया है। जिनकी लोग खूब सरहाना कर रहे हैं। लोगों ने कहा-यह बेटियां मां दुर्गा का रूप हैं।

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