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मुश्किल से पिता 9 साल की बेटी को लेकर सैकड़ों मील दूर घर पहुंचा, लेकिन क्या पता था कि मौत साथ आई है
मुश्किल से पिता 9 साल की बेटी को लेकर सैकड़ों मील दूर घर पहुंचा, लेकिन क्या पता था कि मौत साथ आई है

मौत कब और किस रास्ते से आ जाए, कोई नहीं जानता। यह दु:खद घटना एक 9 साल की बच्ची से जुड़ी है। लॉकडाउन में इसका परिवार यूपी के प्रयागराज में फंस गया था। जैसे-तैसे 29 मई को वो परिवार के साथ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर अपने गांव पहुंची। लेकिन यहां आते ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। बच्ची को पहले से ही ब्लड कैंसर था। वो इस बीमारी से लड़ रही थी कि कोरोना ने जकड़ लिया। आखिरकार बच्ची मौत से लड़ाई हार गई। अब स्वास्थ्य विभाग ने बच्ची के संपर्क में आए 38 लोगों के सैंपल लिए हैं।
 

मां की मौत का दर्द नहीं सह पाया बेटा, दूसरे दिन वह भी छोड़ गया दुनिया..कोई नहीं बचा रोने वाला
मां की मौत का दर्द नहीं सह पाया बेटा, दूसरे दिन वह भी छोड़ गया दुनिया..कोई नहीं बचा रोने वाला

छत्तीसगढ़ में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक युवक ने पेड़ से लटककर फांसी लगा अपनी जान दे दी। बता दें कि दो दिन पहले मृतक की मां की मौत हुई थी और दूसरे दिन बेटा भी दुखी होकर इस दुनिया को अलविदा कह गया।

रात 12 बजे पत्नी की खुली नींद, तो सांप को पास देखा..घबराकर पति को उठाया, लेकिन बेटा बेहोश था
रात 12 बजे पत्नी की खुली नींद, तो सांप को पास देखा..घबराकर पति को उठाया, लेकिन बेटा बेहोश था

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सांप के डसने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। घटना शनिवार रात करीब 12 बजे की है। दम्पती अपने 10 साल के बेटे के साथ जमीन पर सो रहे थे। इसी दौरान सांप ने तीनों को डस लिया। महिला की नींद खुली, तो उसने सांप को जाते देखा। उसने अपने पति को उठाया। लेकिन बेटा बेहोश था। उसके चिल्लाने पर पड़ोसी तीनों को अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन एक-एक करके तीनों ने दम तोड़ दिया। सबसे पहले बेटे ने दम तोड़ा। इसके बाद बच्चे के पिता की मौत हो गई। वहीं, एक मिनट बाद महिला की जान चली गई। इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है।
 

बेबस मां का दर्द: इतने पैसे नहीं कि वो बेटे का कर सके अंतिम संस्कार, बोली साहब शव का जो करना है करो...
बेबस मां का दर्द: इतने पैसे नहीं कि वो बेटे का कर सके अंतिम संस्कार, बोली साहब शव का जो करना है करो...

रायपुर (छत्तीसगढ़). देश में लॉकाडाउन 5.0 लागू हो गया है, लेकिन अभी भी मजदूरों का दर्द कम नहीं हुआ है। अभी भी देश के कई हिस्सों से उनकी मार्मिक कहानियां सामने आ रही हैं। छत्तीसगढ़ से लॉकडाउन में आर्थिक तंगी और मजबूरी से जूझती एक तस्वीर सामने आई है। जिसका दर्द सुनकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी। जहां एक मजदूर मां के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर सके।

नम आंखों से अजीत जोगी को दी अंतिम विदाई, बेटी की कब्र के बगल में दफनाए गए..देखिए अंतिम सफर की फोटोज
नम आंखों से अजीत जोगी को दी अंतिम विदाई, बेटी की कब्र के बगल में दफनाए गए..देखिए अंतिम सफर की फोटोज

रायपुर, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का अंतिम संस्कार ईसाई रीति रिवाज के अनुसार शनिवार शाम 8 बजे गौरेला के कब्रिस्तान में किया गया। प्रभु ख्रीष्ट वाटिका में बेटी अनुषा जोगी की कब्र के बगल में दफनाया गया। उनकी इस अंतिम यात्रा में पत्नि रेणु जोगी और बेटे अमित जोगी के साथ छत्तीसगढ़ सरकार के कई मंत्री, विधायक सहित अन्य दलों के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।  
 

मामूली झगड़े के बाद आगबबूला हुआ CAF का जवान, कैम्प में एके-47 से कर दी ताबड़तोड़ फायरिंग, 2 की मौत, एक घायल
मामूली झगड़े के बाद आगबबूला हुआ CAF का जवान, कैम्प में एके-47 से कर दी ताबड़तोड़ फायरिंग, 2 की मौत, एक घायल

आपसी विवाद के बाद बौखलाए छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स(CAF) के सहायक कमांडर ने अपने साथी दो जवानों की एके-47 राइफल से गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। घटना में सीनियर घायल हुआ है। उसे रायपुर रेफर किया गया है। घटना शुक्रवार देर रात आमदई घाटी कैंप में हुई। यह नक्सल प्रभावित इलाका है। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी जवान को पकड़ लिया गया। उसके खिलाफ FIR दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है। एसपी मोहित गर्ग ने घटना की पुष्टि करते हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

हर आंख नम कर गए अजीत जोगी, खुद को नहीं संभाल पाई बहू..पापा पापा कहकर शव से लिपट रोती रही
हर आंख नम कर गए अजीत जोगी, खुद को नहीं संभाल पाई बहू..पापा पापा कहकर शव से लिपट रोती रही

रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी शुक्रवार को दुनिया को अलविदा कह गए।उनके निधन से राज्य में शोक की लहर है, प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है। जब तिरंगे में लिपटा अजीत जोगी का शरीर उनके रायपुर स्थित निवास पर पहुंचा तो इसे देखने वाली हर आंख में आंसू थे। करीब 4 बजे आज उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी जन्मभूमि गौरेला में किया जाएगा। जोगी के चाहने वालों ने जब से उनके निधन की खबर सुनी है, हर कोई उनके अंतिम दर्शन करने पहुंच रहा है। यह सिलसिला कल से लेकर अब तक जारी है, इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व सीएम तक यहां पहुंचे।

पत्नी की बात सुन जोगी ने कहा था, PMO से फोन आया था, अब नेता बनना पड़ेगा
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पत्नी की बात सुन जोगी ने कहा था, PMO से फोन आया था, अब नेता बनना पड़ेगा

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 74 साल के थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें 19 दिन के भीतर तीन बार दिल का दौड़ा पड़ा। शुक्रवार को भी उन्हें दौरा पड़ा था, इसके बाद उन्हें विशेष इंजेक्शन भी लगाया गया था। अजीत जोगी के निधन के जानकारी उनके बेटे अमित जोगी ने दी। अजीत जोगी जब कलेक्टर थे तब उनके पास PMO से फोन आया था तब वे हैरान हो गए थे। सुनिए ये दिलचस्प किस्सा।

2004 का वो हादसा, जिसे जोगी ने बताया था जादू-टोना..उसके बाद फिर कभी व्हील चेयर से नहीं उठ पाए
2004 का वो हादसा, जिसे जोगी ने बताया था जादू-टोना..उसके बाद फिर कभी व्हील चेयर से नहीं उठ पाए

मप्र और छत्तीसगढ़ की राजनीति का एक अध्याय शुक्रवार को खत्म हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी शुक्रवार को नहीं रहे। उनका नारायणा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। बता दें कि जोगी 9 मई की सुबह अपने घर के लॉन में टहलते हुए इमली खा रहे थे। तभी बीज उनके गले में फंस गया था। इसके बाद उनका बीपी गिरने लगा और कार्डियक अरेस्ट आ गया था। तब से उनका नारायणा अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे कोमा में थे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी। जोगी 9 मई से ही कोमा में थे। उनकी हालत में कोई सुधार होते नहीं दिख रहा था। बुधवार रात करीब 1 बजे उन्हें कोमा में ही दूसरी बार दिल का दौरा पड़ा था। इस बीच डॉक्टरों ने उन्हें म्यूजिक थैरेपी भी दी। उन्हें 70 के दशक के पसंदीदा सांग्स भी सुनाए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुनील खेमका ने बताया कि उनका हार्ट और पल्स रेट स्थिर नहीं चल रही थी। जोगी वेंटिलेटर पर थे। पढ़िए जोगी से जुड़ीं कुछ खास बातें..


 

छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का लंबी बीमारी के बाद निधन, 9 मई से कोमा में थे
छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का लंबी बीमारी के बाद निधन, 9 मई से कोमा में थे

मप्र और छत्तीसगढ़ की राजनीति का एक अध्याय शुक्रवार को खत्म हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी शुक्रवार को नहीं रहे। उनका नारायणा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। बता दें कि जोगी 9 मई की सुबह अपने घर के लॉन में टहलते हुए इमली खा रहे थे। तभी बीज उनके गले में फंस गया था। इसके बाद उनका बीपी गिरने लगा और कार्डियक अरेस्ट आ गया था। तब से उनका नारायणा अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे कोमा में थे।

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