150 सालों से बाबा विश्वनाथ के लिए विशेष पान बना रहा ये परिवार, महाआरती के भोग में किया जाता है शामिल

काशी के बाबा विश्वनाथ के एक भक्त हैं भुल्लन पान वाले, इनके यहां से पिछले डेढ़ सौ सालों से बाबा भोले को मंगला आरती पर लगने वाले पान के भोग को भेजा जाता रहा है। दरअसल भुल्लन के दादा बाबा भोले के लिए पान का भोग लगाया करते थे। आज भी उसी परंपरा को जिंदा रखते हुए भुल्लन हर रोज मंगला आरती में बाबा के लिए सिंघाड़ा पान लगाते हैं। 

/ Updated: Jul 18 2022, 11:51 AM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वाराणसी: काशी अपनी अद्भुत परंपरा के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि दुनिया भर से भक्त काशी में खींचे चले आते हैं। बाबा विश्वनाथ के नगरी में उनके भक्त भी उनकी तरह ही अड़ भंगी व मदमस्त होते हैं। इस शहर में भक्तों की एक अनोखी श्रृंखला है, जहां एक से बढ़कर एक भक्त बाबा के लिए समर्पित नजर आते हैं। 

बाबा को चढ़ाते हैं सिंघाड़ा पान
ऐसे ही भोलेनाथ के एक भक्त हैं भुल्लन पान वाले, इनके यहां से पिछले डेढ़ सौ सालों से बाबा भोले को मंगला आरती पर लगने वाले पान के भोग को भेजा जाता रहा है। दरअसल भुल्लन के दादा बाबा भोले के लिए पान का भोग लगाया करते थे। आज भी उसी परंपरा को जिंदा रखते हुए भुल्लन हर रोज मंगला आरती में बाबा के लिए सिंघाड़ा पान लगाते हैं। 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, बाबा काशी विश्वनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूरा प्रिय है, लेकिन काशी में भक्त भगवान को अपने श्रद्धा भाव से अनोखी चीजों का भोग लगाते हैं। ढूंढी राज गली में स्थित दुकान के मालिक भुल्लन का परिवार करीब 150 सालों से बाबा विश्वनाथ के लिए पान तैयार करता है। यही पान बाबा को आरती में चढ़ाया जाता है। इस पान में ताम्बूल और कत्थे के साथ ही लौंग का प्रयोग किया जाता है। उनके दादा ने इसकी शुरुआत की थी जो आज भी अनवरत जारी है। बाबा भोलेनाथ के भक्तों की कड़ी में एक शख्स हैं राजू गुप्ता। ये रोज अपनी चाट की दुकान पर बाबा विश्वनाथ के लिए गोलगप्पा तैयार करते हैं। दुकान लगने के बाद,सबसे पहले बाबा विश्वनाथ के लिए गोलगप्पा और जामुन उनके दरबार में पहुंचा कर भोग लगाते हैं।