भगवान शिव को प्रसन्न करने से कुंडली के सारे दोष होंगे मुक्त, ये 5 उपाय अपनाने से बदल जाएगी आपकी जिंदगी

काशी के जाने माने विद्वान और ज्योतिषी कन्हैया महाराज ने बताया कि श्रावण मास में भगवान के दर्शन पूजन और जलाभिषेक का विशेष महत्व है। इससे भगवान शिव की कृपा भक्तों को मिलती है। आइए जानते हैं कि श्रावण मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के वो पांच उपाय कौन कौन से है।

/ Updated: Jul 15 2022, 12:46 PM IST

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वाराणसी: सावन महीने की शुरुआत हो गई है। सावन में श्रद्धालु हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक है। यहां पर दर्शन-पूजन किया। पहली बार ऐसा हुआ कि श्रद्धालुओं ने ललिता घाट पर गंगा स्नान किया। फिर, गंगा द्वार से सीधे बाबा विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक करने पहुंच गए। पूजा के बाद उन्होंने बाबा का ध्यान किया। सावन के महीने में बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है। श्रद्धालु सिर्फ झांकी दर्शन करके ही बाबा को दूध और पानी अर्पित कर पाएंगे। श्रद्धालु ललिता घाट पर गंगा स्नान करने के बाद गंगा द्वार से विश्वनाथ धाम में प्रवेश करने के लिए बढ़े तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। हर-हर महादेव का नारा लगाया।

शिव भक्त बाबा भोले के इस प्रिय माह में आसानी से उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर के पूजन और जलाभिषेक से भक्तों के कुंडली के सारे दोष दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। वहीं, काशी के जाने माने विद्वान और ज्योतिषी कन्हैया महाराज ने बताया कि श्रावण मास में भगवान के दर्शन पूजन और जलाभिषेक का विशेष महत्व है। इससे भगवान शिव की कृपा भक्तों को मिलती है। आइए जानते हैं कि श्रावण मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के वो पांच उपाय कौन कौन से है देखें ये खास रिपोर्ट