हरिद्वार से गंगाजल लाकर 5 सालों से शिव का कर रहा जलाभिषेक, हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बना शामली का 'वकील'

शामली में वकील नाम का युवक शिव भक्त है। वह बीते 5 सालों से हरिद्वार से गंगाजल लाकर वहां से पैदल यात्रा करके पूरा महादेव पर मंदिर में शिवजी पर जल चढ़ाता है। वकील की भावना पर किसी प्रकार का कोई सवाल न उठे उसकी सुरक्षा को किसी तरह का कोई खतरा न हो इस उद्देश्य से वकील आज जिला अधिकारी के कार्यालय में पहुंचा तथा वहां उन्होंने जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर हरिद्वार से गंगाजल लाने की अनुमति मांगी।

/ Updated: Jul 13 2022, 07:42 PM IST

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शामली: जहां एक और धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव के चलते दो समुदायों में तनाव की खबरें आती हैं। वहीं, वकील नाम का एक मुस्लिम व्यक्ति अपने धर्म का शिद्दत से पालन करता है। लेकिन दूसरी ओर वह हिंदू धर्म का भी सम्मान करता है। इसी सम्मान को दर्शाने के लिए वकील पिछले 5 साल से हरिद्वार से गंगाजल लाकर वहां से पैदल यात्रा करके पूरा महादेव पर मंदिर में शिवजी पर जल चढ़ाता है। वकील की भावना पर किसी प्रकार का कोई सवाल न उठे उसकी सुरक्षा को किसी तरह का कोई खतरा न हो इस उद्देश्य से वकील आज जिला अधिकारी के कार्यालय में पहुंचा तथा वहां उन्होंने जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर हरिद्वार से गंगाजल लाने की अनुमति मांगी।

आप तस्वीरों में जिस युवक को देख रहे हैं। वह एक मुस्लिम युवक वकील है। वकील जहां मुस्लिम धर्म में पैदा हुआ तथा उसी के रीति रिवाज को अपनाता है। वही हिंदू धर्म में भी अपनी आस्था रखता है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए वकील पिछले 5 सालों से लगातार हरिद्वार से कावड़ यात्रा के माध्यम से गंगाजल लेकर आता है तथा पुरा महादेव पर स्थित शिव मंदिर पर जल चढ़ाता है। विगत 2 सालों से कोरोना संक्रमण के चलते वह का वर्ड नहीं ला पाया और इस बार संप्रदायिक तनाव के चलते उसके मन में थोड़ी शंका में दहशत थी। इसके वकील ने बाकायदा जिला अधिकारी शामली जसजीत कौर से मिलकर उन्हें अपनी इच्छा से अवगत कराया तथा प्रार्थना पत्र देकर उनसे कावड़ यात्रा की अनुमति भी मांगी। वकील का कहना है कि उसके इस कार्य से उनके परिवार वाले काफी खुश हैं, तथा कावड़ यात्रा के माध्यम से वह समाज में यह संदेश देना चाहता है कि देश में सभी को सांप्रदायिक सौहार्द बना कर रखना चाहिए। वकील ने बताया कि जिलाधिकारी ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया है तथा उन्हें कहा है कि कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए उन्हें किसी भी तरह से कोई अनुमति की आवश्यकता नहीं है फिर भी उन्होंने उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अधिनस्थ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।