'मुस्लिम महिलाएं न लड़ें चुनाव' जानिए क्यों बरेलवी मौलाना ने दिया ऐसा बयान 

मुस्लिम महिलाओं के चुनाव लड़ने और सियासत में आने को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है। अहमदाबाद की जामा मस्जिद के इमाम ने यह बयान देकर इसकी शुरुआत की कि मुस्लिम महिलाओं का चुनाव लड़ना शरीयत के मुताबिक मुनासिब नहीं है। इसका समर्थन बरेलवी मुस्लिम मौलाना ने भी करके अब बहस को आगे बढ़ा दिया है।

Asianet News Hindi | Updated : Dec 06 2022, 12:10 PM
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बरेली: दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने अहमदाबाद की जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शब्बीर अहमद के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम महिलाएं टिकट लेकर इलेक्शन न लड़ें। 

मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने कहा कि इस्लामी शरीयत मुस्लिम महिलाओं को गंदी राजनीति करने से रोकती है। इस्लाम ने महिलाओं की पाकिज़गी और उनके रुतबे का ख्याल रखा है, इसलिए मौजूदा दौर की चुनावी राजनीति से मुस्लिम महिलाओं को बचना चाहिए। मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा है कि शरीयत का यह हुक्म सिर्फ मुस्लिम महिलाओं पर लागू होता है और दूसरे तबके से ताल्लुक रखने वाली महिलाएं इससे अलहेदा है।

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