नए साल के स्वागत में 1051 शंखों की आवाज से गूंजा काशी विश्वनाथ धाम परिसर, देखें वीडियो

श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण पर मास पर्यंत चलने वाले कार्यक्रमों के तहत वर्ष 2022 के पहले दिन एक नया कीर्तिमान बनाया। शनिवार को बाबा के दरबार में नए साल के पहले दिन 1051 शंखनाद कर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है। शंखनाद का आयोजन प्रयागराज स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) के द्वारा किया गया।

Asianet News Hindi | Updated : Jan 01 2022, 01:53 PM
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वाराणसी: नववर्ष 2022 का आज पहला दिन है। आज काशी में 1051 शंख बजाने का विश्व रिकॉर्ड (World record) बन गया। 1051 शंखवादकों ने पीले और गेरूआ रंग के वस्त्र धारण कर शंखनाद किया। यह आयोजन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम (Kashi vishwanath dham) के मंदिर चौक में हुआ। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहे विविध कार्यक्रमों के तहत शंखनाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस दौरान भक्तों और शंखवादकों में गजब का उत्साह देखने को मिला। पूरा माहौल आध्यात्म और शिवमय हो चुका है।

काशी में बना 1051 शंख बजाने का विश्व रिकॉर्ड 
इस कार्यक्रम में स्थानीय शंखवादकों के अलावा मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के भी शंखवादक बड़ी संख्या में शामिल हुए। शंखनाद कार्यक्रम शुभारंभ 11 बजे प्रदेश के राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी दीप प्रज्ज्वलन और शंखनाद से किया।

BHU के डॉक्टर बोले -शरीर ही नहीं बल्कि प्रकृति भी हो जाती है शुद्ध
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयुर्वेद संकाय के प्रो. अजय कुमार पांडेय बताते हैं कि नेचर में बहुत जबरदस्त प्रभाव पड़ता है। शरीर के अंदर ही नहीं बल्कि आसपास की प्रकृति और पूरा माहौल बदल जाता है। इस नाद से न केवल आपका फेफड़ा बल्कि दैहिक विकास की सबसे छोटी इकाई कोशिकाओं तक इस शंखवादन का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दूसरी बड़ी चीज कि आप अपने प्रति केंद्रित हो जाते हैं। अपना पराया भूलकर सब ईश्वर को सौंप देते हैं। शंख बजाने और सुनने दोनों का मन केंद्रित होता है। आंख बंद कर अच्छी चीजें सोचते हैं। यह शंखनाद भले ही 1051 लोगों का हो, मगर इसकी आवाज जहां तक जाती है वहां तक इसका एकसमान लाभ लोगों को मिलता है।

नववर्ष के पहले दिन सुबह से ही श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है। श्रद्धालुओं के हुजूम को देखते हुए बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही गोदौलिया से मैदागिन तक जगह-जगह पुलिस तैनात की गई है।

एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि श्रद्धालु आराम से दर्शन-पूजन कर रहे हैं। ठंड को देखते हुए नगर निगम की ओर से अलाव की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव, संकटमोचन मंदिर और दुर्गाकुंड मंदिर में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला लगा हुआ है।

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