अग्निपथ के विरोध में उतरे उपद्रवियों से मिलने जिला जेल पहुंचे कांग्रेसी नेता, इजाजत न मिलने पर बेरंग लौटे

सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध में वाराणसी में हुए उपद्रव में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार युवकों से मुलाकात करने के लिए रविवार को कांग्रेस के नेता चौकाघाट स्थित जिला जेल पहुंचे। हालांकि जेल प्रशासन ने उन्हें बैरंग वापस लौटा दिया। 

/ Updated: Jun 27 2022, 12:46 PM IST

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वाराणसी: सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध में वाराणसी में हुए उपद्रव में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार युवकों से मुलाकात करने के लिए रविवार को कांग्रेस के नेता चौकाघाट स्थित जिला जेल पहुंचे। हालांकि जेल प्रशासन ने उन्हें बैरंग वापस लौटा दिया। कांग्रेस के नेताओं को जेल प्रशासन की ओर से कहा गया कि कोविड-19 को देखते हुए सरकार की गाइडलाइन है कि सिर्फ बंदियों के परिजन ही उनसे मिल सकते हैं। इसे लेकर कांग्रेसियों ने खासी नाराजगी जताई लेकिन उनकी एक न सुनी गई और अंतत: उनसे वापस लौटना पड़ा।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जेल में बंद युवाओं से हम सबको मिलने न देना सरकार की तानाशाही है। एक तरफ सरकार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जेल में मुलाकात कराती है और कांग्रेस के नेताओं को मुलाकात करने से रोकती है। इससे यह साबित होता है कि भाजपा और सपा में नूराकुश्ती चल रही हैं। इस घमंडी सरकार ने युवाओं की तैयारी और मेहनत पर पानी फेर दिया है। अग्निपथ योजना के नाम पर सेना भर्ती के पुराने पैटर्न को खत्म कर उनके ऊपर क्रूर प्रहार हुआ है। इतने सपनों को कुचल देना ठीक नहीं है। भारतीय सेनाओं के नियम से खिलवाड़ करना अनुचित है। सैन्य भर्ती को लेकर जो लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है, वो देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा। सेनाओं में रेग्युलर भर्ती पर रोक और 4 साल के ठेके पर भर्ती देश की सुरक्षा के लिए गलत संदेश है। चार साल की नौकरी के बाद भर्ती हुए युवाओं के भविष्य का क्या होगा...? इसका जबाब मोदी सरकार के पास नहीं है। भाजपा के पास जवाब यह है कि चार वर्ष बाद वह भाजपा कार्यालय की चौकीदारी करेंगे। भाजपा सरकार की नीति-नियत सबमें खोट है। कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक रूप से युवाओं की लड़ाई लड़ेगी। युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। 

प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री अजय राय, पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष मकसूद खां, प्रदेश सचिव कमलेश ओझा, प्रदेश सचिव इमरान खान, प्रदेश महासचिव देवेंद्र सिंह, प्रदेश महासचिव सरिता पटेल, जिलाध्यक्ष चंदौली धर्मेंद्र तिवारी और शहर अध्यक्ष चंदौली रामजी गुप्ता के अलावा कई कांग्रेसी शामिल रहे।