Navratri: हर किसी को ध्यान रखने चाहिए नवरात्र के ये नियम, कभी नाराज नहीं होगीं मां दुर्गा

26 सितंबर को नवरात्र के पहले दिन देवी आराधना की पूजा और कलश स्थापना की जाएगी। इसका शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 10 मिनट से सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। 

Rakhi Singhal | Updated : Sep 27 2022, 09:30 AM
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 शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 26 सितंबर 2022  से शुरू हो रहे हैं। नवरात्र में मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है। जिसमें पहली हैं शैलपुत्री, दूसरी हैं ब्रह्मचारिणी, तीसरी हैं मां चंद्रघंटा, चौथी हैं कूष्मांडा, पांचवीं है स्कंदमाता, छठवीं है कात्यायनी, सातवीं है मां कालरात्रि आठवीं और नवमी हैं मां महागौरी और सिद्धदात्रि। जो 05 अक्टूबर को दशहरा के दिन समापन नवरात्र का समापन होगा। नवरात्रि के व्रत रखते हैं या नहीं रखते, लेकिन शास्त्रों में नवरात्र की बड़ी महिमा बताई गई है। इसलिए हर व्यक्ति को नवरात्र में खुद को कुछ नियमों में बांधना चाहिए। इस दौरान कुछ काम ऐसे हैं जो पूरी तरह से वर्जित हैं। सबसे पहले हम आपको बताते हैं घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है। 

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