राजस्थान में कीड़ों का आतंक, पलभर में चट कर जाते हैं लहलहाते खेत

 राजस्थान के  जैसलमेर  के नोख क्षेत्र में टिड्डीदल एक बार फिर किसानों पर कहर बरपाते हुए उनकी फसलें नष्ट कर दी। आपको बता दें कि  नोख क्षेत्र में इस वर्ष टिड्डी दल और फाका दल के पड़ाव के बाद लगातार खेतों में खड़ी फसलों,वनस्पति और घास को नुकसान हो रहा है। किसानों के अनुसार इस सप्ताह फिर से टिड्डी दल ने खेतों में पड़ाव डालकर खड़ी फसलों को जमकर नुकसान किया है, साथ ही हाल ही में बुवाई की गई फसलों को भी जमीन से निकलते ही चट करना शुरू कर दिया है। ऐसे में क्षेत्र में किसानों के लिए टिड्डी दल आफत का कारण बना हुआ है, लेकिन बावजूद इसके प्रशासन इस और उदासीन बना हुआ है।  ऐसे में किसानों के मुंह आया निवाला छीन रहा है। किसानों का कहना है कि न केवल खड़ी फसल बल्कि तारामीरा की फसल बोने वाले किसानों को भी नुकसान उठाना पड़  रहा है क्योंकि जैसे ही फसल जमीन से निकलती है टिड्डी दल उसे भी नष्ट कर देता है। आपको बता दें कि क्षेत्र में खेतों में खड़ी ग्वार की फसल को टिड्डी दल ने नष्ट कर दिया।
 

| Updated : May 29 2020, 01:09 PM
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वीडियो डेस्क। राजस्थान के  जैसलमेर  के नोख क्षेत्र में टिड्डीदल एक बार फिर किसानों पर कहर बरपाते हुए उनकी फसलें नष्ट कर दी। आपको बता दें कि  नोख क्षेत्र में इस वर्ष टिड्डी दल और फाका दल के पड़ाव के बाद लगातार खेतों में खड़ी फसलों,वनस्पति और घास को नुकसान हो रहा है। किसानों के अनुसार इस सप्ताह फिर से टिड्डी दल ने खेतों में पड़ाव डालकर खड़ी फसलों को जमकर नुकसान किया है, साथ ही हाल ही में बुवाई की गई फसलों को भी जमीन से निकलते ही चट करना शुरू कर दिया है। ऐसे में क्षेत्र में किसानों के लिए टिड्डी दल आफत का कारण बना हुआ है, लेकिन बावजूद इसके प्रशासन इस और उदासीन बना हुआ है।  ऐसे में किसानों के मुंह आया निवाला छीन रहा है। किसानों का कहना है कि न केवल खड़ी फसल बल्कि तारामीरा की फसल बोने वाले किसानों को भी नुकसान उठाना पड़  रहा है क्योंकि जैसे ही फसल जमीन से निकलती है टिड्डी दल उसे भी नष्ट कर देता है। आपको बता दें कि क्षेत्र में खेतों में खड़ी ग्वार की फसल को टिड्डी दल ने नष्ट कर दिया।

एक टिड्डी दल में लाखों की संख्या
एक टिड्डी दल में लाखों की संख्या में टिड्डियां होती हैं और जहां भी यह दल पड़ाव डालता है वहां फसलों तथा अन्य वनस्पतियों को चट करता हुआ चला जाता है। टिड्डी  हमला राजस्थान के इन सीमावर्ती जिलों में हर साल होता है, लेकिन इसका असर कम ज्यादा होता रहता है।  इस साल राज्य के चार जिलों में 1 लाख 38 हजार 585 हेक्टेयर जमीन पर अब तक 96 हजार 748 लीटर दवा छिड़की जा चुकी है फिर भी किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही।इस बार पहला टिड्डी दल मई के आखिरी सप्ताह में देखा गया था। उसके बाद कृषि विभाग ने रात.दिन अभियान चलाकर दवा छिड़की और इसका असर कम होता दिखा, लेकिन एक बार फिर टिड्डी दल के आने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है।

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