सन्यास से पहले बनते हैं नपुंसक, खुद करते हैं अपना श्राद्ध.. जानें क्यों इतनी रहस्यमयी है नागा साधुओं की दुनिया

वीडियो डेस्क। विश्व का सबसे बड़ा मेला महा कुंभ शुरू हो गया है। यूं तो कुंभ के कई रंग और कई ढंग हैं हर एक घाट पर हर रोज कहानियां बुनी जाती हैं। ब्रह्म मुहूर्त से रात में शयन तक सिर्फ पूजा आरती और हर हर गंगे की गूंज सुनाई देती है। इस बार कुंभ पावन नगरी हरिद्वार में लगा हुआ है। 

| Updated : Jan 18 2021, 04:56 PM
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वीडियो डेस्क। विश्व का सबसे बड़ा मेला महा कुंभ शुरू हो गया है। यूं तो कुंभ के कई रंग और कई ढंग हैं हर एक घाट पर हर रोज कहानियां बुनी जाती हैं। ब्रह्म मुहूर्त से रात में शयन तक सिर्फ पूजा आरती और हर हर गंगे की गूंज सुनाई देती है। इस बार कुंभ पावन नगरी हरिद्वार में लगा हुआ है। यहां कुंभ के लिए लोगों का आना शुरू हो गया है और आना शुरू हो गया है नागा साधुओं का। वे साधु जिनकी खुद के शरीर पर धुनी रमा अपनी ही धुन में मद मस्त रहते हैं। जिनके जीवन का मतलब है सिर्फ त्याग.... ये त्यागते हैं मोह माया घर परिवार सांसारिक सुख, वस्त्र और अपनी परुषता। नागा बाबा की दुनिया ना केवल रहस्यमयी होती है बल्कि उनका सबकुछ अलग और अनोखा होता है। आइये जानते हैं नागा साधुओं से जुड़ी कुछ दिलचस्प 

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