बहादुरी की मिसाल थे कैप्टन विक्रम बत्रा, पाकिस्तानी सेना भी कहती थी शेर शाह

पाकिस्‍तान के साथ 1999 में हुए कारगिल युद्ध में 500 से अधिक भारत के जांबाज वीरों ने अपना बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की थी। इन वीरों में एक नाम परमवीर चक्र विजेता शहीद केप्‍टन विक्रम बत्रा का भी है। ये वो नाम है जिसको भारत कारगिल का शेर भी कहता है। कारगिल युद्ध में 7 जुलाई 1999 को केप्‍टन बत्रा महज 24 साल की उम्र में वीरगित को प्राप्‍त हो गए थे। लेकिन उनकी वीरता की कहानी से आज भी न सिर्फ कारगिल बल्कि पूरा देश और आज की युवा पीढ़ी प्रेरणा लेती है।

amal chowdhury | Updated : Jul 07 2020, 03:12 PM
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पाकिस्‍तान के साथ 1999 में हुए कारगिल युद्ध में 500 से अधिक भारत के जांबाज वीरों ने अपना बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की थी। इन वीरों में एक नाम परमवीर चक्र विजेता शहीद केप्‍टन विक्रम बत्रा का भी है। ये वो नाम है जिसको भारत कारगिल का शेर भी कहता है। कारगिल युद्ध में 7 जुलाई 1999 को केप्‍टन बत्रा महज 24 साल की उम्र में वीरगित को प्राप्‍त हो गए थे। लेकिन उनकी वीरता की कहानी से आज भी न सिर्फ कारगिल बल्कि पूरा देश और आज की युवा पीढ़ी प्रेरणा लेती है।

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