घर पर इंतजार कर रही थी नई नवेली दुल्हन, अब तिरंगे में लिपटकर पहुंचेगा पति
वीडियो डेस्क। दीपक के पिता अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है और लोगों की आंखों में आंसू है। आंखे दीपक के दर्शन के लिये टकटकी लगाये देख रही है कि मेरा दीपक कब आयेगा। रीवा जिले के मनगवा थानान्तर्गत मनिकवार चौकी अधीनस्थ ग्राम फरेदा निवासी दीपक सिहं लेह लद्दाख में शहीद हो गया।
वीडियो डेस्क। दीपक के पिता अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है और लोगों की आंखों में आंसू है। आंखे दीपक के दर्शन के लिये टकटकी लगाये देख रही है कि मेरा दीपक कब आयेगा। रीवा जिले के मनगवा थानान्तर्गत मनिकवार चौकी अधीनस्थ ग्राम फरेदा निवासी दीपक सिहं लेह लद्दाख में शहीद हो गया। ग्राम फरेदा निवासी गजराज सिहं गहरवार के दो पुत्र थे प्रकाश सिंह और दीपक सिहं इन दोनों की माता श्रीमती सरोज सिहं का लगभग 14 साल पहले ही देहांत हो चुका है। पेशे से किसान पिता ने दोनों बेटों की परवरिश की और उन्हें मां की कमी महसूस नहीं होने दी। दीपक सिहं का विवाह महसुआ की रेखा सिहं के साथ नवम्बर 19 में हुआ था। अभी हाथ की मेंहदी भी नहीं छूटी थी और दीपक बुझ गया।