ब्लैक फंगस के बारे में पूरी जानकारी जो आपके लिए है जरूरी, डॉक्टर ने दिए इससे बचने 3 टिप्स

वीडियो डेस्क।  कोरोना मरीजों में होनेवाली दूसरी खतरनाक बीमारी म्यूकर मायकोसिस ब्लैक फंगस ने  चिंता बढ़ा दी है। कई कोरोना मरीज इसकी चपेट में आ चुके हैं, कई तो जान भी जा चुकी है।   कोरोना वायरस से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद पहले ये संक्रमण साइनस में दिखता है और उसके बाद आंख तक जाता है। वहीं अगले 24 घंटे में ये फंगस दिमाग तक हावी हो सकता है।   ब्लैक फंगस  किन लोगों और हालात में इसके होने की संभावना होती है । ये शरीर में कैसे पहुंचता है और इससे क्या असर पड़ सकता है ? ब्लैक फंगस कहां पाया जाता है ? इसके लक्षण क्या है जिससे हम पहचान सकते हैं ? ये इंफेक्शन किन लोगों को होता है क्या इसका कोरोना से कनेक्शन है ? इससे कैसे बचा जा सकता है ? इन सभी सवालों के जवाब  एशियानेट न्यूज हिन्दी  ने जानें  Dr.Ganesh Pillay MD AIIMS, New Delhi से। देखें वीडियो।                                                                  

| Updated : May 17 2021, 05:00 PM
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वीडियो डेस्क।  कोरोना मरीजों में होनेवाली दूसरी खतरनाक बीमारी म्यूकर मायकोसिस ब्लैक फंगस ने  चिंता बढ़ा दी है। कई कोरोना मरीज इसकी चपेट में आ चुके हैं, कई तो जान भी जा चुकी है।   कोरोना वायरस से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद पहले ये संक्रमण साइनस में दिखता है और उसके बाद आंख तक जाता है। वहीं अगले 24 घंटे में ये फंगस दिमाग तक हावी हो सकता है।   ब्लैक फंगस  किन लोगों और हालात में इसके होने की संभावना होती है । ये शरीर में कैसे पहुंचता है और इससे क्या असर पड़ सकता है ? ब्लैक फंगस कहां पाया जाता है ? इसके लक्षण क्या है जिससे हम पहचान सकते हैं ? ये इंफेक्शन किन लोगों को होता है क्या इसका कोरोना से कनेक्शन है ? इससे कैसे बचा जा सकता है ? इन सभी सवालों के जवाब  एशियानेट न्यूज हिन्दी  ने जानें  Dr.Ganesh Pillay MD AIIMS, New Delhi से। देखें वीडियो।                                                                  


म्यूकोरमाइकोसिस क्या है?
अमेरिका के सीडीसी के मुताबिक, म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। लेकिन ये गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है। 

इसके लक्षण कब दिखाई देते हैं?
कोरोना वायरस से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद पहले ये संक्रमण साइनस में दिखता है और उसके बाद आंख तक जाता है। वहीं अगले 24 घंटे में ये फंगस दिमाग तक हावी हो सकता है। 


इन कारणों से हो रहा ब्लैक फंगस
अनियंत्रित मधुमेह
स्टेरॉयड लेने के कारण इम्यूनोसप्रेशन
कोरोना संक्रमण अधिक होने के कारण अधिक समय आइसीयू में रहना।

कोरोना मरीज ऐसे बच सकते हैं ब्लैक फंगस से
खून में शुगर की ज्यादा नहीं होने दें तथा हाइपरग्लाइसेमिया) से बचें।
कोरोना से ठीक हुए लोग ब्लड ग्लूकोज पर नजर रखें।
स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय और डोज का पूरा ध्यान रखें।
एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर के परामर्श से ही करें। 

ये हैं ब्लैक फंगस के लक्षण
नाक जाम होना, नाक से काला या लाल स्राव होना।
गाल की हड्डी में दर्द होना
चेहरे पर एक तरफ दर्द होना या सूजन।
दांत या जबड़े में दर्द, दांत टूटना।
धुंधला या दोहरा दिखाई देना।
सीने में दर्द और सांस में परेशानी।

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