मृत्यु का डर दूर कर देगी स्वामी अवधेशानंद जी की ये बातें, जीत जाएंगे जंग..कोरोना कुछ नहीं कर पाएगा

वीडियो डेस्क।  कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हर तरफ नकारात्मकता का माहौल बना हुआ है। रोजाना बढ़ते मामले, आसपास के लोग और प्रियजनों के संक्रमित होने की खबरों और लॉकडाउन की स्थिति ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को काफी प्रभावित किया है। कोरोना की दूसरी लहर न सिर्फ इसलिए गंभीर है क्योंकि इस बार लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं, बल्कि ऐसी विकट समस्या तब वापस लौटी जब ऐसा लगने लगा था कि अब सबकुछ ठीक हो रहा है। इस तरह की परिस्थितियों ने लोगों को कई तरह से प्रभावित किया है जिसका असर स्पष्टतौर पर लोगों में तनाव, अवसाद और चिड़चिड़ेपन के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे समय में लोगों को अपने शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कोरोना से भयभीत लोग कैसे सकारात्मक रहें ? अब हमें कैसे जीवन जीना है ? इस दौर में  छात्र और यंगस्टर कैसे अपना करियर बनाएं, तनाव और डिपरेशन कैसे दूर करें, सृजनात्मकता कैसे बढ़ाएं ? इन प्रमुख सवालों के जवाब के लिए एशियानेट न्यूज हिन्दी के संवाददाता श्रीकांत सोनी ने बात की जूना पीठाधीश्वर आचार्यमहामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज जी से। आचार्य जी ने बताया इस कोरोना काल में हमें कैसे जीना है। क्या काम करने हैं। मृत्यु का भय कैसे दूर हो। 

| Updated : May 23 2021, 04:15 PM
Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क।  कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हर तरफ नकारात्मकता का माहौल बना हुआ है। रोजाना बढ़ते मामले, आसपास के लोग और प्रियजनों के संक्रमित होने की खबरों और लॉकडाउन की स्थिति ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को काफी प्रभावित किया है। कोरोना की दूसरी लहर न सिर्फ इसलिए गंभीर है क्योंकि इस बार लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं, बल्कि ऐसी विकट समस्या तब वापस लौटी जब ऐसा लगने लगा था कि अब सबकुछ ठीक हो रहा है। इस तरह की परिस्थितियों ने लोगों को कई तरह से प्रभावित किया है जिसका असर स्पष्टतौर पर लोगों में तनाव, अवसाद और चिड़चिड़ेपन के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे समय में लोगों को अपने शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कोरोना से भयभीत लोग कैसे सकारात्मक रहें ? अब हमें कैसे जीवन जीना है ? इस दौर में  छात्र और यंगस्टर कैसे अपना करियर बनाएं, तनाव और डिपरेशन कैसे दूर करें, सृजनात्मकता कैसे बढ़ाएं ? इन प्रमुख सवालों के जवाब के लिए एशियानेट न्यूज हिन्दी के संवाददाता श्रीकांत सोनी ने बात की जूना पीठाधीश्वर आचार्यमहामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज जी से। आचार्य जी ने बताया इस कोरोना काल में हमें कैसे जीना है। क्या काम करने हैं। मृत्यु का भय कैसे दूर हो। 

 

कौन है स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ?
स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज  हिंदू आध्यात्मिक गुरु, संत, लेखक और दार्शनिक हैं। स्वामी अवधेशानंद गिरि जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर हैं, उन्हें जूना अखाड़े का प्रथम पुरुष मान जाता है। जूना अखाड़ा भारत में नागा साधुओं का सबसे पुराना और सबसे बड़ा समूह है। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने लगभग दस लाख नागा साधुओं को दीक्षा दी है और वे उनके पहले गुरु हैं। इनका आश्रम कनखल, हरिद्वार में है। स्वामी अवधेशानंद गिरि हिंदू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष हैं और वर्ल्ड काउंसिल ऑफ रिलीजियस लीडर्स के बोर्ड मेंबर भी हैं।
 

Related Video