Diwali 2021: कैसे शुरु हुआ गोवर्धन पर्व या अन्नकूट पर्व, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

वीडियो डेस्क। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। दीपोत्सव की शुरुआत होती है धनतेरस से और 5 दिन का ये पर्व भाई दौज पर खत्म होता है।  भारतवर्ष में त्योहारों को लेकर लोगों में कितनी आस्था है इसका अंदाज इसी बात से लगा सकते हैं कि दिवाली के पर्व पर अयोध्या दीपकों से रोशन हुई और गोवर्धन पर्व पर बृज में खूब धूम मचाई जाती है। 

| Updated : Nov 05 2021, 03:04 PM
Share this Video

वीडियो डेस्क। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। दीपोत्सव की शुरुआत होती है धनतेरस से और 5 दिन का ये पर्व भाई दौज पर खत्म होता है।  भारतवर्ष में त्योहारों को लेकर लोगों में कितनी आस्था है इसका अंदाज इसी बात से लगा सकते हैं कि दिवाली के पर्व पर अयोध्या दीपकों से रोशन हुई और गोवर्धन पर्व पर बृज में खूब धूम मचाई जाती है। गोवर्धन पूजा भगवान श्री कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से शुरु हुई थी। गोवर्धन पूजा से पहले बृजवासी इंद्र देव की पूजा करते थे। एक बार भगवान श्री कृष्ण ने गोकुलवासियों को तर्क दिया कि इंद्र देव से हमें कोई लाभ प्राप्त नहीं होता, वर्षा करना उनका कार्य है और वो सिर्फ अपना काम करते हैं। जबकि गोवर्धन पर्वत गौधन का संवर्धन और संरक्षण करता है। जिससे पर्यावरण शुद्ध रहता है इसलिए इंद्रदेव की नहीं बल्कि गोवर्धन पर्वत की पूजा की जानी चाहिए। इसी दिन से गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई। इस दिन गेंहू चावल जैसे अनाज और बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों के भोज तैयार किए जाते हैं और इसे भगवान श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है। इस दिन गाय के गोबर का गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा और परिक्रमा किया जाती है। इस दिन पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त  शाम को 5 बजकर 16 मिनट से 5 बजकर 43 मिनट तक यानि 27 मिनट तक है।
 

Related Video