कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। उसे आगे-पीछे, भूत-भविष्य कुछ भी नजर नहीं आता। दूसरा कहा जाता है कि प्यार कभी झुकता नहीं! ये दोनों ही कहावते इस लवमैरिज में देखने को मिलती हैं। एक लड़की गैंगस्टर के प्रेम में इस कदर डूबी कि उसने सारी दुनिया की नसीहतों को दरकिनार कर दिया। पढ़िए अनोखी लवस्टोरी...
बुधवार सुबह हरियाणा के रविंद्र सिंह और उत्तराखंड के सुमित इंडेवर कार में बैठकर पांवटा से शिलाई की तरफ जा रहे थे तभी अचानक गाड़ी के इंजन से धुआं उठने लगा। देखते ही देखते कार धू-धू कर जलने लगी। आधे घंटे के अंदर हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगने लगीं।
पुलिस ने बताया कि आठ पन्नों का एक हस्तलिखित सुसाइड नोट बरामद किया गया है जिसके आधार पर दो फाइनेंसर की भूमिका की पुलिस निगरानी कर रही है । कौर ने बताया कि मामले में दो फाइनेंसरों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया गया है ।
यह हैं पंजाब पुलिस की ASI रेनु बाला। अपनी धाकड़ छवि के लिए पहचानी जाने वालीं यह लेडी पुलिस अफसर अब खुद सलाखों के पीछे पहुंच गई है। मामला हेरोइन की तस्करी से जुड़ा है।
दिवाली पर आतिशबाजी करते वक्त जरा-सी लापरवाही कितना बड़ा हादसा करा सकती ये घटनाएं इसका उदाहरण हैं। पटाखों से छूटतीं चिंगारियों ने चार लोगों की जिंदगी में अंधेरा कर दिया।
इस घटना ने पंजाब के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलकर रख दी है। जहां एक महिला की डिलीवरी अस्पताल के बाथरूम में खड़े-खड़े हुई। फिर अचानक नवजात टॉयलेट के सीट में गिर गया जहां उसकी मौत हो गई।
यह मासूम बच्चा अब कभी भी अपनी मां के पास नहीं लौटेगा। क्योंकि एक ड्राइवर की लापरवाही ने बच्चे की जिंदगी छीन ली। अपने बच्चो की लाश देखकर मां का कलेजा फट पड़ा।
अपने पड़ोस में रहने वाली महिला को 45 हजार रुपए उधार दिए थे। जिनको वापस लेने के लिए वह बुधवार को महिला के घर गया था। युवक ने कहा तुमने अगर आज रुपए नहीं दिए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। इतना सुनते ही युवती ने कहा-जाओ तुम मेरी स्कूटी से पेट्रोल निकालो और आग लगा लो।
इलेक्शन में हार से एक नेताजी को इतना बड़ा झटका लगा कि वे मतगणना स्थल पर ही रोने लगे। गुस्से में अपना कुर्ता फाड़ दिया। पब्लिक, मोदी और तमाम नेताओं को चोर बता दिया।
यह 'दबंग गर्ल' फिर से मीडिया की चर्चा में है। हालांकि अभी इसने कुछ नहीं किया, लेकिन उसे देखकर 4 महीने पुरानी शॉकिंग घटना याद आ गई। 4 महीने बाद जब जमानत पर यह लड़की जेल से निकली, तब भी इसकी अकड़ बिलकुल कम नहीं हुई।