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मासूम बच्चियों से इतनी हैवानियत करने वाली कोई 'मां' नहीं हो सकती, शरीर में इतने छेद थे कि डॉक्टर भी कांप उठे
मासूम बच्चियों से इतनी हैवानियत करने वाली कोई 'मां' नहीं हो सकती, शरीर में इतने छेद थे कि डॉक्टर भी कांप उठे

 एक बच्ची गुजरात में लहूलुहान मिली..दूसरी मध्य प्रदेश की थी,जो जिंदगी की जंग हार गई थी। आइए जानते हैं क्या हुआ था इन दोनों घटनाओं में...

पाकिस्तान पर नजरें गड़ाए  बॉर्डर पर मुस्तैद खड़ा था 22 साल का फौजी..अचानक मौत ने दी यूं दस्तक
पाकिस्तान पर नजरें गड़ाए बॉर्डर पर मुस्तैद खड़ा था 22 साल का फौजी..अचानक मौत ने दी यूं दस्तक

जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर पर तैनात था हिमाचल प्रदेश का रहने वाला फौजी करनैल सिंह। 2 साल पहले ही फौज में हुआ था भर्ती।

CAA का समर्थन करने वाले काजी को मिली जान से मारने की धमकी, मुस्लिमों से कहा था न करें कानून का विरोध
CAA का समर्थन करने वाले काजी को मिली जान से मारने की धमकी, मुस्लिमों से कहा था न करें कानून का विरोध

दक्षिण कन्नड़-उडुपी- चिक्कमगलुरु के काजी खाजी ट्वक्खा अहमद ने सीएए का समर्थन किया था। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिमों से इसका विरोध न करने की अपील की थी। जिसके बाद से लगातार मौलवी को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। काजी ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। 

मां के सिर में गोली मारने के बाद खुद को किया शूट..सुसाइड नोट में लिखा,'शरीफ लड़का...हाइली कॉन्फिडेन्शियल'
मां के सिर में गोली मारने के बाद खुद को किया शूट..सुसाइड नोट में लिखा,'शरीफ लड़का...हाइली कॉन्फिडेन्शियल'


देहरादून, उत्तराखंड. नशे की लत ने अच्छे-भले बेटे का ऐसा दिमाग फेरा कि उसने अपनी 'प्यारी मां' को गोली मारकर खुद को शूट कर लिया। बेटा लंबे समय से डिप्रेशन में था। पुलिस को घटनास्थल से अंग्रेजी में लिखा एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें मां का अंतिम संस्कार सनातन रीति रिवाज से करने को कहा। बेटे ने सुसाइड नोट को एक लिफाफे में रखा। उस पर लिखा-'शरीफ लड़का...हाइली कॉन्फिडेन्शियल!' इसके बाद लिफाफे को एक धार्मिक पुस्तक के अंदर रख दिया। यह परिवार आर्थिक रूप से सम्पन्न था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मूलरूप से हरियाणा का रहने वाला जय पंडित अपनी मां सुशीला देवी के साथ डूंगा ग्राम पंचायत के बेलोवाला गांव में रहता था। वो घर के पास ही एक हॉस्टल और डेयरी चलाता था। घटना के वक्त जय का दोस्त अंकित भी आया हुआ था। वो सोमवार को जय से मिलने आया था। रात को वो उसके साथ ही रुक गया था। मंगलवार सुबह करीब 8 बजे जय ने अंकित को फ्रेश होने ऊपर वाले कमरे में भेज दिया। इसके बाद बाहर से कुंडी मार दी। जय ने अपने नौकर कृष्णा को कुछ देर के लिए बाहर भेज दिया था। जय ने कहा था कि उसे मां से जरूरी बात करनी है। इसके बाद जय घर के मुख्य दरवाजे पर ताला डालकर अपने कमरे में आया। यहां उसने अंग्रेजी में सुसाइड नोट लिख। फिर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से बैड पर बेठी मां को पीछे से सिर में गोली मार दी। इसके बाद खुद की कनपटी पर गोली मार ली। गोलियों की आवाज सुनकर बाहर मौजूद नौकर अंदर की ओर भागे। इसके बाद गांववालों को खबर दी गई।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, CBSE छात्रों को 10-15 दिनों में एक बार में बताए एग्जाम का टाईमटेबल
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, CBSE छात्रों को 10-15 दिनों में एक बार में बताए एग्जाम का टाईमटेबल

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के जिन छात्रों के बोर्ड परीक्षा केंद्र हिंसा से प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में हैं उन्हें अगले 10-15 दिनों के लिए परीक्षाओं के कार्यक्रम के बारे में एक बार में बताया जाए न कि रोज-रोज के आधार पर

नहीं, दिल्ली में मस्जिद पर भीड़ ने भगवा नहीं लहराया; वायरल हो रहे इस वीडियो की कहानी दूसरी है
नहीं, दिल्ली में मस्जिद पर भीड़ ने भगवा नहीं लहराया; वायरल हो रहे इस वीडियो की कहानी दूसरी है

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में और विरोध के नाम पर दिल्ली में हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं। 24 फरवरी से दिल्ली में हिंसा भड़की थी और अब तक हिंसा में मरने वालों की संख्या 20 तक जा पहुंची है। करीब 200 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर दिल्ली की हिंसा को लेकर कई अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं। 

शर्मनाक: 'सूरज भी अब डरता होगा; दिल्ली में निकलने को...और खौफ में हवा भी होगी; अब दिल्ली में चलने को'
शर्मनाक: 'सूरज भी अब डरता होगा; दिल्ली में निकलने को...और खौफ में हवा भी होगी; अब दिल्ली में चलने को'

दिल्ली. 'लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में...,तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में!' मशहूर शायर बशीर बद्र का यह शेर दंगों की भयावहता दिखाने के लिए काफी है। CAA के विरोध-समर्थन से जुड़े आंदोलनों में घुसे असामाजिक तत्वों और अपनी-अपनी राजनीति रोटियां सेंकने में लगे नेताओं की बयानबाजियों ने दिलवालों की दिल्ली सुलगा दी है। दंगाइयों ने सिर्फ दूसरों के घर नहीं फूंके, बल्कि अपनी सोच-समझ और खुद के इंसान होने को भी आग में झोंक डाला है। दंगे अचानक नहीं होते..दंगे प्रायोजित होते हैं। इन प्रयोजनों में राजनीति और मजहबी कट्टरता दोनों शामिल होती है। जिस दिल्ली पे दुनिया को नाज रहा..वो दिल्ली..दिल्लीवालों की करतूतों से शर्मसार है। भारत दुनिया की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, लेकिन यह हिंसा उसके प्रगति में ब्रेक लगा रही है। देश में दंगों का पुराना इतिहास रहा है, जिनके पीछे हमेशा नापाक मंसूबे रहे हैं। अंग्रेजों ने हिंदुस्तान को तोड़ने साम-दाम-दंड और भेद..हर तरीका अपनाया। 1857 की क्रांति के बाद से ही भाईचारे में जहर घोलने की कोशिश की गई थी। 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद अंग्रेजों ने देश की जनता को आपस में लड़वाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। आइए..देखते हैं देश में दंगों की शर्मनाक कहानी..ये फोटो और जानकारी देने का सिर्फ यही उद्देश्य है कि लोगों की आंखों पर पड़ा..घृणा का पर्दा हटे..वे हिंसा छोड़कर..एकजुट होकर देश की प्रगति में हाथ बढ़ाएं...इनमें कुछ फोटो संबंधित घटनाओं के नहीं है..
 

जहां कोख में मार दी जाती हैं बच्चियां वहीं से ये लड़की बनी IAS अफसर, बेमिसाल है संघर्ष की कहानी
जहां कोख में मार दी जाती हैं बच्चियां वहीं से ये लड़की बनी IAS अफसर, बेमिसाल है संघर्ष की कहानी

चंडीगढ़. देश में हर साल सैकड़ों बच्चे सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करते हैं। अफसर बनने का सपना देखने वाले छात्र दिन-रात कड़ी मेहनत कर पढ़ाई में जुटे रहते हैं। जब परीक्षा का रिजल्ट घोषित होता है तो बहुत से बच्चे टॉपर्स भी निकलते हैं। यूपीएससी की परीक्षा में एक ऐसी ही टॉपर के बारे हम आपको बताने वाले हैं। इनका नाम है शेना अग्रवाल और वो कन्याभ्रूण हत्या के लिए कुख्यात हरियाणा के एक छोटे-से शहर की निवासी हैं। उन्होंने गरीबी का खात्मा करने और महिला कल्याण के काम करने के लिए अफसर बनने का सपना देखा। शेना ने न सिर्फ यूपीएससी एग्जाम पास किया बल्कि पूरे देश में टॉप भी किया। अफसर बन लड़की को गरीबी का इलाज करने का जुनून था। IAS-IPS सक्सेज स्टोरी में हम आपको हरियाणा की शान शेना अग्रवाल के बारे में बता रहे हैं......

अनजान बच्ची का बोर्ड एग्जाम दिलवाने 5 किमी. भागा पुलिसवाला, ऐसे की मदद लोग कर रहे सैल्यूट
अनजान बच्ची का बोर्ड एग्जाम दिलवाने 5 किमी. भागा पुलिसवाला, ऐसे की मदद लोग कर रहे सैल्यूट

भले पुलिस की छवि आ लोगों की नजर में अच्छी न हो लेकिन वो मदद को तैयार रहते हैं। ऐसे ही इस ट्रैफिक पुलिसवाले ने बच्ची की मदद की तो लोगों ने उसे सैल्यूट किया। 

सात समंदर पार से खींच लाई थीं रेपिस्ट को, 22 साल की उम्र में IPS अफसर बनी थी ये लड़की
सात समंदर पार से खींच लाई थीं रेपिस्ट को, 22 साल की उम्र में IPS अफसर बनी थी ये लड़की

मुंबई. नारी शक्ति जब अपने पर आती है तो कितने ही मुश्किल काम को वो चुटकियों में कर देती है। समाज भले औरतों को कम आंकता हो लेकिन कदम-कदम पर उन्होंने खुद को साबित किया है। जमाना बदल रहा और अब हर क्षेत्र में महिलाओं का दबदबा है। देश में हर साल लड़कियां टॉपर्स निकलती हैं। वहीं विज्ञान, चिकित्सा, सिविल सर्विस हो या पुलिस विभाग हो हर जगह महिलाएं बड़े पदों पर तैनात हैं। ऐसे ही केरल की एक लड़की ने पुलिस में जाने का सपना देखा। वो दूसरे लोगों की तरह 9 से 5 की प्राइवेट नौकरी नहीं चाहती थी। उसे बचपन से जुनून था पुलिस में जाना है और आखिरकार उसने अपने सपने को साकार भी किया। 
 

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