धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के अनेक उपाय व व्रत बताए गए हैं। प्रदोष भी इनमें से एक है। ये व्रत हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 12 मई, गुरुवार को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर देवताओं का अमृत पिलाया था।
Sun Transit 2022: ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह को एक पद दिया गया है। उसी के अनुसार सूर्य को सौर मंडल का राजा कहा जाता है। ये ग्रह हर 30 दिन में राशि परिवर्तन करता है। सूर्य जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं।
वैशाख मास (Vaishakh month 2022) का धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है। भगवान विष्णु को प्रिय होने के कारण इसे माधव मास भी कहते हैं। इस महीने में जलदान करने यानी प्यासे लोगों को पानी पिलाने का विशेष महत्व बताया गया है।
ज्योतिष न सिर्फ संभावित भविष्य के बारे में बताता है बल्कि वो इस बात की जानकारी भी देता है कि राशि अनुसार आप किस राशि के लोगों की ओर आसनी से खीचें चले जा सकते हैं यानी वो कौन-सी राशि है, जिनके स्त्री-पुरुष की ओर आपका आकर्षण सामान्य से अधिक हो सकता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में 12 महीने होते हैं। इनका क्रम इस प्रकार है- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भादौ, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन। धर्म ग्रंथों में इन सभी महीनों का अलग-अलग महत्व बताया गया है।
मई 2022 में साल का पहला चंद्रग्रहण होने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन वैशाख पूर्णिमा तिथि रहेगी। हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसकी यहां किसी भी तरह की कोई मान्यता नहीं रहेगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय पर राशि परिवर्तन करता है। लगभग सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन (Sun Transit 2022) का समय निश्चित होता है। ग्रहों के इन राशि परिवर्तन का असर सभी लोगों के जीवन पर दिखाई देता है।
धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत किए जाते हैं। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) भी इनमें से एक है। ये व्रत प्रत्येक हिंदू महीने के दोनों पक्षों (शुक्ल व कृष्ण) की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।
ग्रहों की गति के कारण समय-समय पर सूर्य और चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) जैसी घटनाएं होती रहती हैं। खगोलीय दृष्टिकोण से ये सामान्य घटनाएं हैं लेकिन हमारे देश में इन घटनाओं का बहुत ही खास माना जाता है और धार्मिक तथा ज्योतिषिय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भी समझा जाता है। ग्रहण से जुड़े कई नियम और परंपराएं हमारे देश में प्रचलित हैं।