साल का पहला चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022)16 मई, सोमवार को होने जा रहा है। हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका कोई भी नियम लागू नहीं होगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों का राशि बदलना और वक्री होना एक सामान्य घटना है। सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रह समय-समय पर वक्री होते रहते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अभी साल का दूसरा महीना यानी वैशाख चल रहा है जो 16 मई, सोमवार तक रहेगा। इसके अगले दिन से यानी 17 मई, मंगलवार से ज्येष्ठ मास शुरू हो जाएगा, जो हिंदू पंचांग का तीसरा महीना रहेगा। ये महीना 14 जून तक रहेगा।
सूर्य व चंद्रग्रहण सामान्य खगोलीय घटनाएं हैं जो समय-समय पर होती रहती हैं। लेकिन हमारे देश में इन घटनाओं का विशेष महत्व है क्योंकि यहां इस घटनाओं को ज्योतिष और धर्म से जोड़कर देखा जाता है।
6 मई 2022, दिन शुक्रवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन आदि शंकराचार्य और संत सूरदास की जयंती मनाई जाएगी।
सूर्य और चंद्रग्रहण होना सामान्य खगोलीय घटनाएं है। एक साल में कई बार ऐसे योग बनते हैं। पश्चिमी देशों में ये घटनाएं सामान्य हैं लेकिन भारत में इसे धर्म और ज्योतिष से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए यहां इससे जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं।
Name Astrology: ज्योतिष शास्त्र की माने तो किसी भी व्यक्ति के नाम के पहले अंग्रेजी अक्षर से उसके बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। अंग्रेजी अक्षर से मतलब है यदि किसी व्यक्ति का नाम ROHAN है तो उसके नाम का पहला अंग्रेजी अक्षर हुआ R।
सपने हमारी दुनिया का एक हिस्सा हैं। हर व्यक्ति रात में सोते समय सपने जरूर देखता है। साइंस कहता है कि सपने हमारे मन की एक अवस्था हैं जबकि हिंदू धर्म में इसे शकुन-अपशकुन से जोड़कर देखा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय पर राशि बदलता है और वक्री व मार्गी भी होता है। ग्रहों का वक्री होना एक साधारण घटना है, लेकिन इसका प्रभाव सभी राशि के लोगों पर दिखाई देता है।
हिंदू पंचांग का दूसरा महीना वैशाख है। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। ये महीना 16 मई तक रहेगा। भगवान विष्णु को प्रिय होने के कारण इसे माधव मास भी कहते हैं।