साल में एक या दो बार सूर्य व चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) होना आम बात है। ये खगोलीय घटनाएं है जो समय-समय पर होती रहती हैं, लेकिन भारत में ये घटनाएं धर्म और ज्योतिष से जोड़कर देखी जाती है इसलिए यहां इसका विशेष महत्व माना जाता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा पर कूर्म जयंती (kurma jayanti 2022) मनाई जाती है। कूर्म यानी कछुआ। इस बार कूर्म जयंती को लेकर दो मत है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस दिन का विशेष महत्व माना जाता है और इसे पर्व यानी उत्सव कहा गया है।
वाणी और बुद्धि का कारक ग्रह बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। इस ग्रह की उच्च राशि कन्या है जबकि नीच राशि मीन है। यानी कन्या राशि में होने पर इसका शुभ प्रभाव बढ़ जाता है जबकि मीन राशि में होने पर इसके शुभ प्रभाव में कमी आ जाती है।
धर्म ग्रंथों में वैशाख मास का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान विष्णु को प्रिय होने के कारण इस महीने को माधव मास भी कहते हैं। इस बार वैशाख मास की पूर्णिमा (Vaisakhi Purnima 2022) 15 और 16 मई को यानी 2 दिन रहेगी।
उज्जैन. आज (14 मई, शनिवार) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 03.23 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन नृसिंह चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाएगा।
दुनिया के जितने भी धर्म हैं, उन सभी में शकुन-अपशकुन से जुड़ी कुछ मान्यताएं जरूरी होती हैं। हिंदू धर्म भी इसका अछूता नहीं है। यहां हर मामले में शकुन-अपशकुन जरूर देखा जाता है। इसकी पूरी जानकारी शकुन शास्त्र में देखी जाती सकती है।
हम अक्सर ये बातें सुनते है कि किसी व्यक्ति को अक्सर अपने आस-पास किसी अदृश्य शक्ति यानी भूत-प्रेत या आत्मा के होने का अहसास होता है। इस बात पर यकीन करना मुश्किल है लेकिन इसे सिरे से नकारा भी नहीं जा सकता।
भगवान विष्णु ने दुष्टों का नाश करने के लिए समय-समय पर कई अवतार लिए। नृसिंह अवतार (Narasimha Jayanti 2022) भी इनमें से एक है। भगवान श्री नृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के देवता माने जाते हैं।
Chandra Grahan 2022 date and time: साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई, सोमवार को होने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन वैशाखी मास की पूर्णिमा रहेगी।