Tahawwur Rana Extradition: साल 2008 में मुंबई के 26/11 आतंकी हमले का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत पहुंच चुका है। दिल्ली में लैंड होते ही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) राणा को अपने हेडक्वार्टर ले गई, जहां उससे पूछताछ की जाएगी। इसके बाद उसे तिहाड़ जेल की अंडा सेल में रखा जाएगा। बता दें कि राणा के भारत पहुंचते ही पाकिस्तान की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई है। यहां तक कि हताशा में पड़ोसी खुद को राणा से अलग-थलग करने की कोशिश में लग गया है।
पोल खुलने की डर से घबराया पाकिस्तान
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बाद अब पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने अपनी पोल खुलने का डर सता रहा है। यही वजह है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने तहव्वुर राणा से अपने किसी भी तरह के रिश्ते को लेकर पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया है। राणा के प्रत्यर्पण से जुड़े एक सवाल के जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने उसे कनाडा का नागरिक बताते हुए कहा- तहव्वुर राणा ने पिछले 20 साल में अपने पाकिस्तानी डॉक्यूमेंट्स को रिन्यू नहीं कराया है। साफ है कि वो कनाडा का सिटिजन है।
पाकिस्तानी सेना और ISI का आदमी रहा तहव्वुर राणा
बता दें कि तहव्वुर राणा के पास भले ही कनाडा की नागरिकता है, लेकिन पड़ोसी इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ है और वो वहां की आर्मी और खुफिया एजेंसी ISI के लिए भी काम कर चुका है। पाकिस्तान को सबसे ज्यादा डर इस बात का सता रहा है कि भारत राणा से तगड़ी पूछताछ करेगा, जिसमें वो मुंबई के 26/11 हमले में पाकिस्तान की पोल खोल सकता है।
अक्टूबर 2009 में अमेरिका में अरेस्ट हुआ तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा को अक्टूबर 2009 में अमेरिकी एजेंसी FBI ने शिकागो से अरेस्ट किया था। उस पर मुंबई के 26/11 अटैक के अलावा डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में आतंकी हमले के लिए जरूरी सामान जुटाने का आरोप था। बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे, जबकि 300 से ज्यादा घायल हुए थे। हमले को पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तोएबा के 10 आतंकियों ने अंजाम दिया था, जिनमें 9 आतंकवादी उसी दिन मारे गए थे, जबकि एक अजमल कसाब जिंदा पकड़ाया था। बाद में उसे फांसी हुई थी।