China Pakistan Defence Deal 2025: पाकिस्तान को चीन से मिलेंगे J-35A फाइटर जेट्स, KJ-500 AWACS और HQ-19 मिसाइल सिस्टम। यह दक्षिण एशिया में पावर बैलेंस को बदल सकता है। जानिए भारत के लिए क्या हैं इसके रणनीतिक मायने।
China Pakistan Defence Deal 2025: भारत-पाकिस्तान के हालिया तनाव के बीच चीन ने अपने रणनीतिक मित्र पाकिस्तान को एक बड़ा सैन्य पैकेज देने का प्रस्ताव पेश किया है। इस पैकेज में J-35A फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट्स (J-35A Fighter Jets), KJ-500 AWACS सिस्टम, और HQ-19 लॉन्ग-रेंज एरियल डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। यह सौदा न केवल पाकिस्तान की हवाई ताकत के लिए चीन उपलब्ध करा रहा। दरअसल, इस मदद से चीन, दक्षिण एशिया की सामरिक स्थिरता (Strategic Balance in South Asia) पर भी बड़ा प्रभाव डालेगा।
पहली बार J-35A का निर्यात: पाकिस्तान बना पहला खरीदार
J-35A या FC-31 को चीन ने अभी तक किसी भी देश को निर्यात नहीं किया था। यह विमान Shenyang Aircraft Corporation (SAC) द्वारा विकसित किया गया है और इसे चीन का स्टेल्थ क्षमता से लैस पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट माना जाता है। पाकिस्तान इस डील के बाद दक्षिण एशिया का पहला देश बन जाएगा जिसके पास फिफ्थ जनरेशन स्टेल्थ जेट्स होंगे।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को अगस्त 2025 तक 12 J-35A लड़ाकू विमानों की पहली खेप मिल सकती है। फिलहाल, पाकिस्तानी पायलट चीन में इसका प्रशिक्षण ले रहे हैं।
PL-17 मिसाइल सिस्टम से लैस: 400 किमी तक मारक क्षमता
इन J-35A विमानों में PL-17 एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम भी होगा, जिसकी अनुमानित मारक क्षमता 400 किलोमीटर है। यह भारत के किसी भी हवाई हमले या इंटरसेप्शन को चुनौतीपूर्ण बना सकता है, खासकर पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर।
KJ-500 AWACS और HQ-19: वायुसेना और मिसाइल रक्षा में बड़ी छलांग
चीन द्वारा प्रस्तावित KJ-500 AEW&C सिस्टम पाकिस्तान को हवाई लड़ाई में आंख और कान की तरह सेवा देगा। यह हवाई निगरानी, लक्ष्य ट्रैकिंग और कमांड कंट्रोल में बड़ा बदलाव लाएगा।
वहीं HQ-19 लॉन्ग-रेंज मिसाइल डिफेंस सिस्टम, जो मूलतः US THAAD सिस्टम के समकक्ष माना जाता है, पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस क्षमता को मजबूत बनाएगा।
पाकिस्तान का दावा: राजनयिक सफलता
पाकिस्तान सरकार ने X (पूर्व Twitter) पर बयान जारी कर कहा: प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के नेतृत्व में पाकिस्तान ने कई रणनीतिक सफलताएं हासिल की हैं, जिनमें चीन से J-35A, KJ-500, HQ-19 शामिल हैं। साथ ही चीन 3.7 अरब डॉलर का ऋण टालने और AI-IT प्रशिक्षण में सहयोग को भी तैयार हुआ है।
भारत के लिए चेतावनी या अवसर?
भारत के पास वर्तमान में Rafale (4.5 Generation) फाइटर जेट्स हैं, जो फ्रांस से प्राप्त हुए हैं। लेकिन पाकिस्तान द्वारा J-35A जैसे विमान प्राप्त करने के बाद भारत को अपने AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट को तेज़ी से आगे बढ़ाना होगा। एक रक्षा विशेषज्ञ के अनुसार: यह डील पाकिस्तान को तकनीकी बढ़त नहीं देती लेकिन चीन की रणनीतिक घेराबंदी में एक और कदम है। भारत को अब स्वदेशी स्टेल्थ क्षमता, S-400 की तैनाती और AI आधारित वॉरफेयर सिस्टम पर और अधिक ध्यान देना चाहिए।
रणनीतिक विश्लेषण: चीन-पाक गठजोड़ कितना गहरा?
पाकिस्तान पहले ही 36 J-10CE फाइटर जेट्स चीन से ले चुका है। CPEC और ग्वादर पोर्ट के बाद अब वायुसेना सहयोग से चीन-पाकिस्तान मिलिट्री रिलेशन और गहराते दिख रहे हैं। यह भारत के लिए सिर्फ सुरक्षा चुनौती नहीं बल्कि रणनीतिक विकल्पों के review का वक्त है।