Israel Iran war: होर्मुज स्ट्रेट के बंद होने का प्रभाव भारत पर भी पड़ेगा। तेल के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर है।

Israel Iran war: ईरान-इजरायल युद्ध में रविवार को अमेरिका भी कूद पड़ा है। अमेरिका ने इजरायल का साथ देते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर उसे नेस्तनाबूद करने की कोशिश की है। ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद अब ईरान संसद ने बड़ा फैसला किया है। सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली के नेतृत्व वाली सरकार ने होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का ऐलान किया है। रविवार को ईरानी संसद ने इसके लिए प्रस्ताव पास किया।

होर्मुज स्ट्रेट बंद होने का प्रभाव

होर्मुज स्ट्रेट (Hormuz Strait) एक समुद्री मार्ग है। दुनिया की डेली तेल खपत का लगभग 20% (लगभग 18 मिलियन बैरल) इसके माध्यम से गुजरता है। ईरान ने कई बार स्ट्रेट बंद करने की धमकी दी है। उसने पहले ही कहा था कि अगर अमेरिका ने हमला किया तो इस रास्ते को बंद कर देंगे। अब जब अमेरिका ने अटैक कर दिया दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल मार्ग को बंद करने का प्रस्ताव ईरानी संसद में पास कर लिया गया है।

क्या होगा भारत पर प्रस्ताव?

होर्मुज स्ट्रेट के बंद होने का प्रभाव भारत पर भी पड़ेगा। तेल के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर है। भारत के तेल आयात में मध्य पूर्व के देशों का बड़ा हिस्सा है। यह तेल होर्मुज स्ट्रेट के रास्ते भारत आता है। यह रास्ता बंद हुआ तो भारत को तेल सप्लाई प्रभावित होगी। इससे कच्चे तेल की कीमत बढ़ेगी। इसका असर आने वाले दिनों में आम लोगों पर भी पड़ सकता है।

होर्मुज स्ट्रेट, ओमान और ईरान के बीच स्थित है। यह सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इराक और कुवैत जैसे खाड़ी के तेल व गैस उत्पादक देशों के लिए प्राथमिक निर्यात मार्ग के रूप में काम करता है। यह स्ट्रेट कभी बंद नहीं हुआ है। यह संकरा रास्ता है जिसके चलते जहाजों पर हमला कर इसे बंद करना संभव है। ईरान के लिए यह एक ढाल के रूप में है।