Kissa UP Ka: जब निरीक्षण पर पहुंचे प्रधानमंत्री, पैसे मांगने पर पूरा थाना हो गया था सस्पेंड

सन 1979 में इटावा जिले के ऊसराहार थाने में एक परेशान सा दिखने वाला किसान दाखिल हुआ और संकोच से इधर उधर देखकर हेड कांस्टेबल के पास जाकर खड़ा हो गया। किसान से जब रिपोर्ट ने रिपोर्ट लिखने के एवज में पैसे मांगे तो पूरा का पूरा थाना ही सस्पेंड हो गया। यह किसान सा दिखने वाला व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह थे।

Asianet News Hindi | Updated : Mar 02 2022, 03:52 PM
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सन 1979 में इटावा जिले के ऊसराहार थाने में एक परेशान सा दिखने वाला किसान दाखिल हुआ और संकोच से इधर उधर देखकर हेड कांस्टेबल के पास जाकर खड़ा हो गया। किसान से जब रिपोर्ट ने रिपोर्ट लिखने के एवज में पैसे मांगे तो पूरा का पूरा थाना ही सस्पेंड हो गया। यह किसान सा दिखने वाला व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह थे। जो किसानों की जनसुनवाई में हो रही हीलाहवाली की शिकायत पर निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। आज हम बात कर रहे हैं चौधरी चरण सिंह के जीवन से जुड़े उस किस्से की जब उनके एक निरीक्षण के बाद पूरा थाना सस्पेंड हो गया। 

यह बात सन् 1979 की है, जब चौधरी साहब कानून व्यवस्था का हाल जानने के लिए काफिले को काफी दूर खड़ा कर इटावा जिले ऊसराहार थाने में मैला कुर्ता और धोती पहनकर रपट लिखाने के लिए पहुंच गए थे। उन्होंने दरोगा से बैल चोरी की रिपोर्ट लिखने को कहा। लेकिन सिपाही ने उन्हें इंतजार करने को कहा। कुछ देर तक इंतजार करने के बाद फिर किसान (चौधरी चरण सिंह) ने रपट लिखने की गुहार की, मगर सिपाही ने अनसुना कर दिया। हालांकि, कुछ देर बाद सिपाही ने आकर कहा, 'चलो छोटे दरोगा जी बुला रहे हैं।'
vदरोगा ने पुलिसिया अंदाज में आड़े-टेढ़े सवाल उनसे पूछे और बिना रपट लिखे किसान को डांट-डपटकर थाने से चलता कर दिया। किसान रुआंसा सा एक कोने में खड़ा होकर कुछ सोचने लगा कि एक सिपाही ने उसे अपने पास बुलाया। दोनों में बातचीत हुई और तय हुआ कि अगर किसान कुछ 'खर्चे-पानी' का इंतजाम करे तो उसकी रपट ल‍िखवा दी जाएगी। अंत में 35 रुपये की रिश्वत लेकर रिपोर्ट लिखना तय हुआ। मुंशी ने रिपोर्ट लिखकर किसान से पूछा बाबा अंगूठा लगाओगे या हस्ताक्षर करोगे?। इस पर किसान (चौधरी चरण सिंह) ने हस्ताक्षर करने को कहा। जिसके बाद किसान ने हस्ताक्षर में नाम लिखा, चौधरी चरण सिंह और मैले कुर्ते की जेब से मुहर निकाल कर कागज पर ठोंक दी। जिस पर लिखा था, 'प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया'। ये देख पूरे थाने में हड़कंप मच गया। इसके बाद उन्होंने पूरे ऊसराहार थाने को सस्पेंड कर दिया था। दरअसल, चौधरी साहब उस समय के प्रधानमंत्री थे जो थाने में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। 

आज के जेड प्‍लस सिक्‍युरिटी सुरक्षा घेरे में घूमते राजनेताओं को देखने वाली जनता के लिए चौधरी चरण सिंह का यह अंदाज बहुत ही अलग लगेगा। लेकिन उनका यही किस्सा उनको खास बनाता है। आज उनकी गैरमौजूदगी में भी जब यूपी चुनाव हो रहा है तो आपको कई सभाओं में उनका नाम सुनने को मिल जाएगा। उनकी यही कार्यप्रणाली लोगों के जहन में आज भी उनको लोकप्रिय बनाए हुए हैं। 

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