वाराणसी: सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर,  IIT-BHU वैज्ञानिकों ने तैयार की ये खास चीज

आईआईटी बीएचयू ने ऑन बोर्ड चार्जर की तकनीक को विकसित किया है। इसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें भी आधी हो जाएंगी। बताया गया कि निर्माण के बाद इसके मॉर्डनाईजेशन और बिजनेस के प्रोग्रेस पर काम चल रहा है। 

| Updated : Oct 29 2022, 01:22 PM
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आईआईटी बीएचयू ने ऑन बोर्ड चार्जर की नई तकनीक डेवलप की है। जिससे सभी टू-फोर व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें आधी हो जाएंगी। संस्थान के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने इस तकनीक की खोज की है। लैब स्केल पर इसकी टेस्टिंग पूरी तरह से सफल रही है। अब इसके मॉर्डनाइेजशन और बिजनेस के प्रोग्रेस पर काम चल रहा है।

देश के प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों ने भी इस नई तकनीक ऑन बोर्ड चार्जर के लिए दिलचस्पी दिखाई है। अभी तक हाई पॉवर ऑफ बोर्ड चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से वाहन निर्माता कंपनियों को वाहन में ही ऑनबोर्ड चार्जर शामिल करना पड़ता है। जिससे वाहन स्वामी आउटलेट के जरिये वाहनों को चार्ज कर सके। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन काफी महंगे हो जाते हैं। मगर अभी भी वाहनों में ही ये चार्जर होंगे मगर उनका खर्च नाममात्र का होगा।

मुख्‍य परियोजना अन्‍वेषक और इसी विभाग के वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार सिंह ने कहा कि कॉमर्शियल प्रोडक्ट तैयार कर मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगाने की बात चल रही है। इस टेक्नोलॉजी के विकास के लिए IIT गुवाहाटी और IIT भुवनेश्वर के विशेषज्ञों ने भी मदद की है। उन्होंने बताया कि डॉ. सिंह ने बताया कि पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने दो पहिया और चार पहिया से चलने वाले आम जनमानस को चिंता में डाल दिया है। पेट्रोलियम उत्पादों से बढ़ते प्रदूषण लेवल, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारंपरिक IC इंजन का सबसे अच्छा विकल्प है। देश में पेट्रोल और डीजल के बजाय कम कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को आम जन तक पहुंचाने के लिए यह बेहतर तकनीक है। डॉ. कुमार सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन सस्टनेबल डेवलपमेंट में हेल्प करता है। क्योंकि यह टेल पाइप उत्सर्जन को समाप्त करके कम्युनिटी बेस्ड हेल्थ में सुधार करता है। जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर देता है। मौजूदा बिजली नेटवर्क में रिन्यूएबल एनर्जी के एकीकरण के साथ बिजली की दरों को कम किया जा सकता है।

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