सीएम योगी आदित्यनाथ का सफरनामा, बेहद संघर्षमय रहा सफर

साल 1994 में दीक्षा के बाद वह योगी आदित्यनाथ बन गए थे। योगी हिंदू युवा वाहिनी संगठन के संस्थापक भी हैं, जो कि हिंदू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। योगी आदित्यनाथ ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित से बीएससी की है। 1993 में गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचे योगी की दीक्षा के समय विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल भी मौजूद थे।

| Updated : Jun 05 2022, 02:43 PM
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी समय में उत्तराखंड के निवासी अजय सिंह बिष्ट हुआ करते थे। इनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव में हुआ। हालांकि सीएम योगी पूर्वाश्रम (संन्यास से पहले) का जन्मदिन नहीं मनाते। योगी होने के नाते भी वह इन सबसे दूर रहते हैं। हर साल की तरह इस बार भी सीएम योगी बगैर किसी आयोजन के अपना रोजमर्रा का काम किया। हालांकि उनके लाखों प्रशंसक उन्हें शुभकामनाएं दीं। इनके गोरखपुर में आने से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक का सफर बेहद संघर्षमय रहा है।

साल 1994 में दीक्षा के बाद वह योगी आदित्यनाथ बन गए थे। योगी हिंदू युवा वाहिनी संगठन के संस्थापक भी हैं, जो कि हिंदू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। योगी आदित्यनाथ ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित से बीएससी की है। 1993 में गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचे योगी की दीक्षा के समय विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल भी मौजूद थे।
 

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