लता मंगेशकर के निधन से साहित्य जगत में हुई बड़ी क्षति, प्रसिद्ध साहित्यकार यतींद्र मोहन से Exclusive बातचीत

 उन्होंने कहा अपनी गायकी से उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री के आंखों में आंसू तक लाने का काम किया कई। गानों को गिनाया और कहा कि लता मंगेशकर जैसा करिश्मा उनकी उपस्थिति उनका जादू होना अब मुश्किल है।

Asianet News Hindi | Updated : Feb 06 2022, 06:13 PM
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अयोध्या: एशियानेट हिंदी के रिपोर्टर अनुराग शुक्ला ने प्रसिद्ध साहित्यकार यतींद्र मोहन मिश्र से बात कि उन्होंने कहा यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि जो किताब लिखने का मौका मिला हालांकि वे बहुत कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थे। फिर भी उन्होंने कहा आजाद भारत की सबसे बड़ी सांस्कृतिक पहचान लता जी थी। उन्होंने कहा हिंदुस्तान की आवाज़ थी। आजाद भारत का जो सपने है स्त्री की आकांक्षा और उसके मुक्ति का जो स्वप्न है उन्होंने उस पर चार चांद लगाने का काम किया। उन्होंने कहा अपनी गायकी से उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री के आंखों में आंसू तक लाने का काम किया कई। गानों को गिनाया और कहा कि लता मंगेशकर जैसा करिश्मा उनकी उपस्थिति उनका जादू होना अब मुश्किल है।

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