रंग और चिता की भस्म के साथ खेली गई विशेष होली, काशी की इस अनोखी होली देखकर रह जाएंगे दंग

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में होली का एक अलग ही रंग है । यह बाबा विश्वनाथ की धारा धाम कहा जाता है। यहां होली के पहले बाबा माता गौरा के साथ रंगभरी होली भी खेली जाती है।  और उसके 1 दिन उपरांत बाबा भोलेनाथ भस्म की होली भी खेलते हैं। भस्म की होली मणिकर्णिका घाट पर आयोजित की जाती है। 

Asianet News Hindi | Updated : Mar 15 2022, 06:12 PM
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में होली का एक अलग ही रंग है । यह बाबा विश्वनाथ की धारा धाम कहा जाता है। यहां होली के पहले बाबा माता गौरा के साथ रंगभरी होली भी खेली जाती है।  और उसके 1 दिन उपरांत बाबा भोलेनाथ भस्म की होली भी खेलते हैं। भस्म की होली मणिकर्णिका घाट पर आयोजित की जाती है। जो रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद मनाई जाती है।

क्या है मान्यता आज के दिन की 
कहा जाता है कि बाबा विश्वनाथ आज भूत पिचास प्रेत के साथ मणिकर्णिका घाट पर ठीक 12 बजे होली खेलने आते हैं। बाबा विश्वनाथ की रंगभरी होली के 1 दिनों बाद बाबा भूत पिचास अपने गढ़ के साथ मणिकर्णिका घाट पर होली खेलने पहुंचते हैं। बाबा के मशान वाले होली में काशीवासी भी बाबा के साथ रंगों और भस्म के साथ होली खेलते हैं।

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