19 फरवरी 2022: पीलीभीत में CM योगी और अखिलेश की जनसभा में हुए जुबानी वार, देखिए यूपी की बड़ी खबरें

 यूपी के पीलीभीत में जनसभा को सम्बोधित करने पहुंचे CM योगी ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2012 में सपा की सरकार बनी थी, उस समय समाजवादी पार्टी ने पहला काम दर्जन भर आंतकवादियों के मुकदमे को वापस लेने का किया था। आंतकवादियों की पैरवी समाजवादी पार्टी करती थी। कल के फैसले से साबिद हो चुका है सपा का हाथ आतंकवादियों के साथ है। 
 

Asianet News Hindi | Updated : Feb 19 2022, 05:49 PM
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1- अयोध्या के गोसाईगंज में सपा और भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। सपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक अभय सिंह समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। आपको बता दें कि देर रात नेव कबीरपुर चौराहे पर भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों ने सपा समर्थकों पर हमले का आरोप लगाया था। इसके साथ ही सपा के समर्थकों ने महाराजगंज थाने में भी पथराव किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हुआ।

2- डिप्टी सीएम केशव मौर्य सिराथू विधानसभा के त्रिदेव संगम में डुबकी लगाने पहुंचे। इस दौरान वहां आयोजित एक जनसभा में उन्होने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि  पिछले 2 चरणों में जो मतदान हुआ है, उसमें साइकिल उड़कर सैफई चली गई है। डिप्टी सीएम ने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि आप लोग जो जनता से वादा करेंगे वो वादा आपका नहीं केशव प्रसाद मौर्य का वादा होगा।

3- यूपी के पीलीभीत में जनसभा को सम्बोधित करने पहुंचे CM योगी ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2012 में सपा की सरकार बनी थी, उस समय समाजवादी पार्टी ने पहला काम दर्जन भर आंतकवादियों के मुकदमे को वापस लेने का किया था। आंतकवादियों की पैरवी समाजवादी पार्टी करती थी। कल के फैसले से साबिद हो चुका है सपा का हाथ आतंकवादियों के साथ है। 

4- सीएम योगी यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में किसान आत्महत्या करता था, गरीब भूख से मरता था, जंगल राज की स्थिति थी, अपराधी सत्ता पर हावी था और कानून का संचालन हिस्ट्रीशीटर करते थे। 2017 से पहले चारों तरफ अराजतकता का माहौल था।

5- इसके साथ ही पीलीभीत में अखिलेश यादव ने भी एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने किसान कानून वापस लिए जाने के मुद्दे पर कहा कि 'हमें सावधान रहना पड़ेगा। हम जानते हैं कि अगर काका गए हैं तो बाबा भी चले जाएंगे। ये शॉर्टफॉर्म इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि भाजपा वाले बहुत शॉर्टफॉर्म बना रहे हैं। काका मतलब काले कानून।' इतना ही नहीं उन्होने CM योगी पर तंज कसते हुए कहा कि पैदल-पैदल तो पहले ही कर दिए गए थे, अब चुनाव लड़ने भी अपने घर पहुंच गए हैं। उत्तर प्रदेश का किसान, नौजवान और व्यापारी इस बार भाजपा को साफ कर देंगे।

6- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के गोंडा में चुनावी रैली की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम कहते थे कि हम आएंगे और राम मंदिर का निर्माण करेंगे और लोग भी कहते थे कि जब भी चुनाव आता है भाजपा राम मंदिर की चर्चा करने लगती है। हमें भी लगता था कि प्रदेश की जनता का भी विश्वास नहीं है। ऐसी परिस्थितियां बनी कि राम मंदिर बन रहा है।

7- समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता व विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन का आज  लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। आपको बता दें कि यूपी विधान परिषद में नेता विरोधी दल और पूर्व मंत्री अहमद हसन की हालत गंभीर बनी हुई थी। उनका इलाज लोहिया संस्थान के क्रिटिकल केयर यूनिट में चल रहा था। बीते पांच दिन पहले उन्हें लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया था। 

8- यूपी में कल तीसरे चरण में मतदान होने वाले हैं। ऐसे में बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत फिर से चर्चा में आ गई हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर खुलकर बीजेपी को समर्थन करने की बात कही है।कंगना ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि हम सब जानते हैं उत्तर प्रदेश में चुनाव चल रहे हैं और इस चुनाव के कुरुक्षेत्र में हमारा एकमात्र हथियार वोट है। उन्होने कहा कि याद रखें, हमें अपनी चहेती योगी सरकार को फिर से वापस लाना है, ऐसे में BJP को भर भर के वोट देने होंगे। 

9- समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने तंज कसा। सिद्धार्थ नाथ ने कहा, 'अखिलेश यादव ने कहा था कि वह करहल से पर्चा भर रहे हैं और अब सिर्फ सर्टिफिकेट लेने वापस आएंगे। अब वह करहल में अपने पिताजी के साथ जा रहे हैं क्योंकि उनको समझ आ गया है कि पहले दो चरणों के चुनाव में उनकी हार हो रही है और BJP की सरकार बन रही है।'

10- BJP के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने लखनऊ में प्रेस वार्ता कर समाजवादी पार्टी के मुखिया पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आखिर क्या मजबूरी हो गई कि अखिलेश यादव अपने पैतृक गढ़ कन्नौज को छोड़कर करहल से चुनाव लड़ने गए। कन्नौज से वो सांसद रहे और उनकी पत्नी भी सांसद रहीं लेकिन फिर भी करहल पहुंचे हैं। लेकिन जनता उनको नकार देगी, करहल पहुंचकर भी उनकी हालत ये है कि वो वहां भी कराह रहे हैं।

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