मुस्लिम धर्म गुरु ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को बताया संविधान के खिलाफ, सेक्युलर मुल्क बता कर दिया बड़ा बयान

फ्ती असद कासमी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने जो  यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर पत्र जारी किया है, जिसकी मांग लगातार बढ़ रही है। मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि हम हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तान सेक्युलर मुल्क है सेक्युलर संविधान कहता है कि तमाम मजहब के लोगों को अपने मजहब के ऊपर अमल करने की पूरी आजादी है। 

/ Updated: Apr 27 2022, 07:43 PM IST

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सहारनपुर: मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने जो  यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर पत्र जारी किया है, जिसकी मांग लगातार बढ़ रही है। मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि हम हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तान सेक्युलर मुल्क है सेक्युलर संविधान कहता है कि तमाम मजहब के लोगों को अपने मजहब के ऊपर अमल करने की पूरी आजादी है। उन्होने कहा कि यह जो यूनिफॉर्म सिविल कोड है, यह संविधान के खिलाफ है। यह हिंदुस्तान है, गंगा जमुनी तहजीब है, यहां पर हर तरह के फूल मौजूद है। जब कई तरह के फूल होते हैं, तभी गुलदस्ता तैयार होता है। जब हिंदुस्तान का संविधान ही हमें इजाजत देता है अपने मजहब के ऊपर अमल किया जाए। आजादी है, उस चीज की तो ऐसे कानून लाने की जरूरत नहीं है इस मुद्दे पर हम मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के साथ है।

मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड इस मुल्क में नाफीज करने की बराबर करने की कोशिश की जाती रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड दस्तूर और कानून की बुनियाद पर इसकी मुखालफत करता है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का बयान है कि यह अकलियत के खिलाफ है दस्तूर के खिलाफ है। हिंदुस्तान में खुद हिंदू मुखतलिब तबलगार के लॉ अलग-अलग है। हिंदुस्तान का संविधान किस बात की इजाजत देता है कि हर हर व्यक्ति अपने धर्म के मुताबिक अमल करें फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात की जा रही है यह हकीकत दस्तूर और अकलियत मुल्क के मुखतलिब के खिलाफ है मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड इस की मुखालफत करता है। इससे पहले मुखालफत हो ऐहतजाज हो धरने दिए जाएं तरह-तरह के दस्तूरी इतजाज के इंतजामात किये जाए इसमें सलाहियते जाया होती है। इस पर संजदीगी से गौर करें और कोई हल्का कदम ना उठाएं। हिंदुस्तानी मुसलमान हर हिंदुस्तानी उसको अपनी आदात अपना सामाज और वह कानून जिस पर वह अमल करता है उसको अजीज होता है उसको इतनी आसानी से नहीं छोड़ सकता इसीलिए अकल मंदी का तकाजा है कि ऐसा कोई कदम ना उठाएं जिससे इस तरह की यूनिफॉर्म सिविल कोड या इस तरह की कोई बात सामने आए।