यूपी चुनाव में 8 बार विधायक रह चुके BSP प्रत्याशी श्याम सुंदर शर्मा से Exclusive बातचीत
मथुरा की राजनीति में पंडित श्याम सुंदर शर्मा का एक अलग ही स्थान है। पंडित श्याम सुंदर शर्मा पिछले 8 बार से विधायक हैं और अब नौवीं बार वह मांट विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी के सिंबल पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। पंडित श्याम सुंदर शर्मा 1989 से 2012 तक विधायक रहे। अलग-अलग पार्टियों के सिंबल पर श्याम सुंदर शर्मा चुनाव लड़कर जीत दर्ज करा चुके हैं। 2017 में पंडित श्याम सुंदर शर्मा का मुकाबला राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी योगेश नौहवार से था।
मथुरा की राजनीति में पंडित श्याम सुंदर शर्मा का एक अलग ही स्थान है। पंडित श्याम सुंदर शर्मा पिछले 8 बार से विधायक हैं और अब नौवीं बार वह मांट विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी के सिंबल पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। पंडित श्याम सुंदर शर्मा 1989 से 2012 तक विधायक रहे। अलग-अलग पार्टियों के सिंबल पर श्याम सुंदर शर्मा चुनाव लड़कर जीत दर्ज करा चुके हैं। 2017 में पंडित श्याम सुंदर शर्मा का मुकाबला राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी योगेश नौहवार से था। 432 वोटों से रालोद के प्रत्याशी योगेश नोहवार को शिकस्त देकर पंडित श्याम सुंदर शर्मा ने विजय पाई थी। बता दें कि आजादी के बाद से मांट विधानसभा सीट पर कोई भी स्थानीय जाट नेता नहीं जीत पाया है। पंडित श्याम सुंदर शर्मा की जीत का कारण है यहां लोगों से लगातार मिलना और उनकी समस्याओं का निस्तारण समय से करा देना। यही वजह है कि पंडित श्याम सुंदर शर्मा के आवास पर विधानसभा मांट ही नहीं जिले भर से लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं।
श्याम सुंदर शर्मा मांट विधानसभा सीट से 1989 में पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़े और उन्होंने जीत दर्ज की। वह 1991 और 1993 का चुनाव भी कांग्रेस के टिकट से लड़कर विधायक बने। वहीं 2002 और 2007 में वह टीएमसी के चिन्ह पर चुनावी रण में उतरे और जीत दर्ज कराई। वहीं 2012 के चुनाव में श्याम सुंदर शर्मा रालोद के युवा नेता जयंत चौधरी से हार गए। जयंत चौधरी पूर्व स्वर्गीय प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते और अजीत सिंह के पुत्र हैं। जयंत चौधरी ने अपनी सांसदी बचाने के लिए यह सीट छोड़ दी और उपचुनाव हुआ, जिसमें श्याम सुंदर शर्मा फिर जीते। बता दें कि 1 लाख 10 हजार के करीब जाटों की संख्या विधानसभा में है।