Kissa UP Ka: जब मायावती ने खुदवा दिया 600 एकड़ में फैला राजा भैया का तालाब, घोषित किया पक्षी विहार

साल 2002 में जब फिर से बीजेपी और बीएसपी की सरकार बनी तो गठबंधन सरकार फिर हिचकोले खाने लगी। इसी बीच मायावती ने पांच साल पुरानी सियासी रंजिश का बदला राजा भैया से ले लिया। कहा जाता है कि बीजेपी की तरफ से नाम देने के बावजूद मायावती ने 2002 में राजा भैया को मंत्री नहीं बनाया था और उसी साल मायावती ने बीजेपी विधायक पूरण सिंह बुंदेला की शिकायत पर 2 नवंबर, 2002 को तड़के सुबह करीब 4 बजे राजा भैया को आतंकवाद निरोधक अधिनियम (POTA) के तहत गिरफ्तार करवाकर जेल में डलवा दिया।

Asianet News Hindi | Updated : Feb 21 2022, 04:02 PM
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लखनऊ: यूपी में बसपा सप्रीमो मायावती और राजा भैया के बीच राजनीतिक अदावत की कहानी से सभी वाकिफ हैं। मायावती ने यूपी की सीएम बनने के बाद राजा भैया, उनके पिता और अन्य को जेल भेज दिया था। इस दौरान वह काफी लंबे समय तक जेल में रहे। आज हम आपको उसी से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं। राजा भैया के जेल जाने के बाद उनके 600 एकड़ में फैले तालाब को खुदवा दिया गया था। यही नहीं उसे पक्षी विहार बनाकर वहां एक गेस्ट हाउस भी बनवा दिया था।

साल 2002 में जब फिर से बीजेपी और बीएसपी की सरकार बनी तो गठबंधन सरकार फिर हिचकोले खाने लगी। इसी बीच मायावती ने पांच साल पुरानी सियासी रंजिश का बदला राजा भैया से ले लिया। कहा जाता है कि बीजेपी की तरफ से नाम देने के बावजूद मायावती ने 2002 में राजा भैया को मंत्री नहीं बनाया था और उसी साल मायावती ने बीजेपी विधायक पूरण सिंह बुंदेला की शिकायत पर 2 नवंबर, 2002 को तड़के सुबह करीब 4 बजे राजा भैया को आतंकवाद निरोधक अधिनियम (POTA) के तहत गिरफ्तार करवाकर जेल में डलवा दिया। रघुराज प्रताप सिंह की भदरी रियासत की हवेली में भी मायावती ने पुलिस का छापा डलवा दिया था। कहा जाता है कि इस छापे में हवेली से कई हथियार बरामद हुए थे। इसी के बाद राजा भैया पर पोटा लगाया गया। इसके बाद उनके पिता की भी गिरफ्तारी हुई।


मायावती ने साल 2003 में राजा भैया के प्रतापगढ़ स्थित भदरी रियासत की कोठी के पीछे 600 एकड़ में फैले बेंती तालाब को भी खुदवा दिया था। कहा जाता है कि खुदाई में इस तालाब से नरकंकाल मिले थे, जिसके बारे में कई कहानियां हैं। इस तालाब के बारे में ऐसी चर्चा थी कि राजा भैया ने इसमें घड़ियाल पाल रखे हैं और अपने दुश्मनों को इसी तालाब में फेंकवा दिया करते हैं। हालांकि, राजा भैया ने कई जगहों पर सामने आकर इसका खंडन किया।

मायावती ने 16 जुलाई 2003 को इस तालाब को सरकारी कब्जे में ले लिया था और इसे भीमराव अंबेडकर पक्षी विहार घोषित कर दिया था। तालाब की चहारदिवारी के पास ही एक गेस्ट हाउस भी बनवा दिया। इसके बाद राजा भैया 10 महीनों तक अलग-अलग जेलों में रहे। जब अगस्त 2003 में मायावती की सरकार गिरी और मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी तब मुलायम ने शपथ ग्रहण करने के 25 मिनट के अंदर राजा भैया की रिहाई के आदेश पर दस्तखत कर दिए थे। जेल से रिहा होने के बाद राजा भैया ने अपने जुड़वा बेटों का मुंह देखा। इसी के बाद वह मुलायम सरकार में मंत्री भी बने। मुलायम सिंह ने इस तालाब के पक्षी विहार में तब्दील करने के मायावती सरकार के फैसले को भी पलट दिया था।

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