काशी में 18 मार्च को मनाई जाएगी होली, BHU के ज्योतिषाचार्य ने दी होलिका दहन से जुड़ी अहम जानकारी

फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि को होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के अगले दिन रंग-अबीर वाली होली खेली जाती है। इस बार होलिका दहन 17 मार्च को है। वहीं रंगवाली होली 18 मार्च को खेली जाएगी। बीएचयू ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर सुभाष पांडेय के अनुसार, 17 मार्च को रात एक बजे होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है। 
 

| Updated : Mar 16 2022, 02:08 PM
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वाराणसी: फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि को होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के अगले दिन रंग-अबीर वाली होली खेली जाती है। इस बार होलिका दहन 17 मार्च को है। वहीं रंगवाली होली 18 मार्च को खेली जाएगी। बीएचयू ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर सुभाष पांडेय के अनुसार, 17 मार्च को रात एक बजे होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है। 

प्रोफेसर सुभाष पांडेय के अनुसार, 17 मार्च को रात एक बजे तक भद्रा काल है, और भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता। होलिका दहन 17 मार्च को होना चाहिए, लेकिन 17 मार्च को दोपहर 1:20 बजे से भद्राकाल शुरू हो जाएगा और देर रात 12:57 बजे तक रहेगा। 

भद्राकाल में होलिका दहन नहीं किया जा सकता। ऐसे में होलिका दहन रात 12:58 बजे से लेकर रात 2:12 बजे तक ही किया जा सकता है। काशी में जो होली मनाई जाती है उसमें चतुरषष्ठी यात्रा का भी बहुत बड़ा महत्व है। इसलिए यहां 18 को होली मनाई जाएगी, वही काशी के अन्यत्र होली 19 मार्च को मनाई जाएगी। इसलिए इस बार की होली अत्यंत शुभ होगा।

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