प्रयागराज के यमुना घाट स्थित मनकामेश्वर मंदिर में लगी भक्तों की भीड़, कालसर्प योग में मनाई जा रही शिवरात्रि
महाशिवरात्रि आज कालसर्प योग में मनाई जा रही है। इस मौके पर संगम नगरी के शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। यमुना के तट पर स्थित प्राचीन और पौराणिक मनकामेश्वर मंदिर में भी मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मनकामेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी धरानंद ब्रह्मचारी के मुताबिक महाशिवरात्रि भगवान भोले शंकर और माता पार्वती के विवाह का दिन है। उनके मुताबिक मनकामेश्वर महादेव मंदिर सतयुग से यहां विद्यमान है।
प्रयागराज: महाशिवरात्रि आज कालसर्प योग में मनाई जा रही है। इस मौके पर संगम नगरी के शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। यमुना के तट पर स्थित प्राचीन और पौराणिक मनकामेश्वर मंदिर में भी मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मनकामेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी धरानंद ब्रह्मचारी के मुताबिक महाशिवरात्रि भगवान भोले शंकर और माता पार्वती के विवाह का दिन है। उनके मुताबिक मनकामेश्वर महादेव मंदिर सतयुग से यहां विद्यमान है।
त्रेता युग में भगवान श्री राम ने वन जाते हुए माता जानकी के साथ यहां पर पूजा अर्चना और रुद्राभिषेक किया था। ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा और आस्था से देवों के देव महादेव को जल अर्पण करते हैं, रुद्राभिषेक करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि के पर्व पर रात्रि पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए रात्रि के चाल पहर में महा रुद्राभिषेक होते हैं। सायंं आरती के बाद चार पहर मंदिर में महा अभिषेक किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और भंडारे का भी इंतजाम किया गया है। स्वामी धरानंद ब्रह्मचारी के मुताबिक आज के दिन सच्चे मन से जो भी श्रद्धालु भगवान भोले शंकर को जो वस्तु है उन्हें प्रिय हैं बेलपत्र धतूरा गंगा जल अर्पित करेगा उसकी मनोकामनाएं निश्चित तौर पर पूरी होंगी।