Kissa UP Ka: राजनीति में नहीं आना चाहते थे अखिलेश, जानिए कॉलेज के दिनों से ही क्या था प्लान

आज हम आपको अखिलेश यादव के उस प्लान के बारे में बताने जा रहे जो सक्सेसफुल न हो सका। दरअसल अखिलेश राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वह लिट्टी चोखा की चेन को शुरु करना चाहते थे। वहीं उनके पिता मुलायम की भी यह इच्छा थी कि बेटा राजनीति में न आए। 
 

| Updated : Mar 01 2022, 03:14 PM
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लखनऊ: यूपी चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी की सीटों और अखिलेश यादव के बयानों की चर्चाओं सभी ओऱ हैं। हालांकि बहुत कम लोग यह जानते हैं कि अखिलेश यादव राजनीति में नहीं आना चाहते थे। राजनीति में पारिवारिक विरासत को दरकिनार कर अखिलेश यादव का प्लान कुछ और ही करने का था। हालांकि मजबूरी में ही सही वह राजनीति में आएं और उसके बाद उन्होंने जो मुकाम बनाया उसको सभी बखूबी जानते हैं। 

आज हम आपको अखिलेश यादव के उस प्लान के बारे में बताने जा रहे जो सक्सेसफुल न हो सका। दरअसल अखिलेश राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वह लिट्टी चोखा की चेन को शुरु करना चाहते थे। वहीं उनके पिता मुलायम की भी यह इच्छा थी कि बेटा राजनीति में न आए। 

अखिलेश यादव को राजनीति पसंद नहीं थी इसलिए वे राजनीति के क्षेत्र में अपने परिवार के खासे रुतबे के बाद भी इससे हटकर कुछ करना चाहते थे। वे मैक्डॉनल्ड की तर्ज पर पूरे देश में लिट्टी-चोखा  की फूड चेन की शुरुआत करना चाहते थे। सिडनी से एन्‍वायरमेंटल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद वे लिट्टी-चोखा की चेन शुरू करना चाहते थे। अपनी पढ़ाई के दौरान हॉस्‍टल में रहते हुए वे इसे लेकर योजनाएं बनाते थे। हालांकि यूपी में हालात इस कदर बदले कि उन्‍हें न केवल राजनीति में आना पड़ा बल्कि सीएम की कुर्सी पर भी बैठना पड़ा। 

2012 के विधानसभा चुनावों में कुछ ऐसी हवा चली की सपा 224 सीटों पर जीत गई। बस, इसके बाद अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया। हालांकि इससे पहले वे 26 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव जीत चुके थे। वे साल 2000 में यूपी की कन्नौज लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव जीते थे। इसके बाद साल 2004, साल 2009 में भी लोकसभा सदस्‍य बने. अखिलेश यादव की पत्‍नी डिंपल यादव भी 2 बार की सांसद हैं। लेकिन चुनाव प्रचार में अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव पूरे तौर से लगी हुई हैं। भले ही अखिलेश राजनीति में आना न चाहते हों लेकिन एंट्री के बाद से लेकर अब तक वह लगातार समाजवादी पार्टी को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। 2012 के चुनाव में पार्टी को जो ऐतिहासिक जीत मिली थी उसे भी कार्यकर्ताओं और प्रदेश की जनता अखिलेश की मेहनत का ही फल बताते हैं। जिसके बाद वह मुख्यमंत्री बने थे। 

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