भगवान गणेश की 5 स्वरूपों में करें पूजा, हर बाधा को दूर करेंगे विघ्नहर्ता

इस बार 13 जनवरी, सोमवार को संकटा गणेश चतुर्थी है। इस दिन भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की पूजा का विधान है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, भगवान श्रीगणेश के विभिन्न रूपों का अगर विधि-विधान से पूजन कर पूजा घर में स्थापित किया जाए तो हर समस्या का निदान हो सकता है दुर्भाग्य भी दूर हो सकता है। 

| Updated : Jan 11 2020, 07:13 PM
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वीडियो डेस्क। इस बार 13 जनवरी, सोमवार को संकटा गणेश चतुर्थी है। इस दिन भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की पूजा का विधान है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, भगवान श्रीगणेश के विभिन्न रूपों का अगर विधि-विधान से पूजन कर पूजा घर में स्थापित किया जाए तो हर समस्या का निदान हो सकता है दुर्भाग्य भी दूर हो सकता है। संकटा गणेश चतुर्थी के मौके पर जानिए श्रीगणेश के इन विशेष स्वरूपों के बारे में-
1. चांदी के गणेश
जो लोग धन की इच्छा रखते हैं, उन्हें चांदी से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। इन्हें अपने घर के पूजा घर में स्थापित कर दूर्वा चढ़ाने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
2. मूंगा के गणेश
मूंगा लाल रंग का एक रत्न होता है। इससे निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा को पूजा स्थान पर स्थापित करने और रोज पूजा करने से शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है।
3. पन्ना के गणेश
पन्ना हरे रंग का एक रत्न होता है। इससे निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा को घर में स्थापित कर पूजा करने से दिमाग तेज होता है और समाज में मान-सम्मान भी मिलता है।
4. चंदन के गणेश
चंदन की लकड़ी से बनी गणेश प्रतिमा घर में कहीं भी रख सकते हैं। इससे घर में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आती साथ ही परिवार के सदस्यों में सामंजस्य बना रहता है।
5. सफेद आंकड़े के गणेश
ज्योतिष उपायों में सफेद आंकड़े (एक प्रकार का पौधा) की जड़ से बनी श्रीगणेश प्रतिमा का विशेष महत्व है। इसे श्वेतार्क गणपति भी कहते हैं। श्वेतार्क गणेश की पूजा करने से सभी तरह के दोष शांत हो जाते हैं।
 

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