Virus के बदलते रूप को कैसे पकड़ता है जिनोम, ओमिक्रोन का पता लगाने के लिए क्यों जरूरी है Genome Sequencing?

वीडियो डेस्क। देश में कोरोना के नए वैरिएंट से हडकंप मचा हुआ है। भारत में कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में ओमिक्रॉन के मामले मिले हैं। जिसके बाद सरकार ने भी कई सख्त कदम उठाए हैं। ओमिक्रोन केस के बारे में जिनोम सिक्वेंसिंग के जरिए पता लगाया जा रहा है। 

Asianet News Hindi | Updated : Dec 07 2021, 04:01 PM
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वीडियो डेस्क। देश में कोरोना के नए वैरिएंट से हडकंप मचा हुआ है। भारत में कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में ओमिक्रॉन के मामले मिले हैं। जिसके बाद सरकार ने भी कई सख्त कदम उठाए हैं। ओमिक्रोन केस के बारे में जिनोम सिक्वेंसिंग के जरिए पता लगाया जा रहा है। जिनोम सिक्वेंसिंग की मदद से ही राजस्थान के जयपुर में 9 केसों की पुष्टि हुई है और जिनोम सिक्वेंसिंग के जरिए ही कई राज्यों में ओमिक्रोन की पहचान की जा रही है। ऐसे में जानना जरूरी है कि इस वायरस की पहचान जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए क्यों होती है। और जीनोम सीक्वेंसिंग है क्या। और इसके जरिए कैसे होती है कोरोना के नए वैरिएंट की पहचान। 
 

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